चीन-अमेरिका के बीच साउथ चाइना सी को लेकर तनावपूर्ण हालात आने वाले समय में भी जारी रह सकते हैं। हाल ही में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने साउथ चाइना सी में लाइव फायर ड्रिल की है, जिसमें कई मिसाइलों को दागा गया। चीन साउथ चाइना सी की सीमा पर अधिकार जमाता रहा है और माना जा रहा है कि उसकी इसी आदत की वजह से अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन में भी दोनों देशों के बीच तनाव बना रहेगा। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भी अमेरिका ड्रैगन के खिलाफ ही रहा है। कोरोना, साउथ चाइना सी समेत विभिन्न मुद्दों पर अमेरिका चीन की कई बार आलोचना कर चुका है।
चीनी मीडिया समूह साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट के अनुसार, चीनी सेना की साउथ थिएटर कमांड ने लाइव फायर ड्रिल करते हुए सी में दूर तक लगातार मिसाइल अटैक किए। इसके जरिए से चीन अपनी सेना की ताकत को भी दिखाना चाहता है। हालांकि, यह नहीं बताया गया कि चीनी सेना का यह अभ्यास कब और साउथ चाइना सी में कहां हुआ है।
ड्रिल में चीनी सेना ने गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रोयर यिनहुआन, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट हेंगयांग, डॉक लैंडिंग शिप वुजिशान और सपोर्ट शिप चगान हू का इस्तेमाल किया। चीन ने साउथ चाइना सी की देखरेख करने की जिम्मेदारी सदर्न थिएटर कमांड को दे रखी है। वहीं, इसी दौरान अमेरिका भी साउथ चाइना सी में अपनी मौजूदगी को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में अमेरिकी सेना ने सी में अभ्यास किया था।
इस महीने की शुरुआत में अमेरिका के दो एयरक्राफ्ट कैरियर ग्रुप्स, जिसमें दर्जनों युद्धपोत और कम से कम 120 फाइटर एयरक्राफ्ट्स शामिल थे,ने साउथ चाइना सी में ज्वाइंट एक्सरसाइज की थी। अमेरिकी नौसेना ने एक बयान जारी कर कहा था कि थियोडोर रूजवेल्ट और निमित्ज कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स के जहाजों और विमानों ने काफी ट्रैफिक वाले इलाके के चुनौतीपूर्ण वातावरण में अमेरिकी नौसेना की क्षमता दिखाई। अमेरिका के इस कदम से चीन झल्ला गया था और अभ्यास की आलोचना करते हुए इसे ‘ताकत का प्रदर्शन’ बताया था।
इसके अलावा, अमेरिका ने शनिवार को ताइवान के तट से साउथ चाइना सी में उड़ान भरने के लिए टोही विमान भी भेजा था। चीन पूरे साउथ चाइना सी पर अपना दावा करता है, जिसकी वजह से दुनियाभर में कई देश उसके खिलाफ हैं। चीन पिछले कुछ महीनों में साउथ चाइना सी और ईस्ट चाइना सी में अपनी समुद्री गतिविधियों को बढ़ा रहा है।