दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर चलने वाली मेट्रो ट्रेनों से ड्राइवर केबिन हटाए जा रहे हैं. जून के अंत तक ट्रेनें इस लाइन पर चलने वाली ट्रेनें पूरी तरह से स्वचालित हो जाएंगी. अभी ड्राइवरलैस मेट्रो ट्रेनों में एक अटैंडेंट मौजूद रहता है. कुछ समय बाद अटैंडेंट को भी हटा दिया जाएगा. ड्राइवर केबिन हटने से मेट्रो ट्रेनों में यात्रियों के लिए ज्यादा जगह हो जाएगा. ड्राइवर केबिन ट्रेन के आगे और पीछे लगे होते हैं. मैजेंटा लाइन के बाद पिंक लाइन पर चलने वाली मेट्रो को भी पूरी तरह ड्राइवरलैस किया जाएगा.
दिल्ली मेट्रो का पूर्ण स्वचालित नेटवर्क वर्तमान में लगभग 97 किमी लंबा है और यह मैजेंटा और पिंक लाइनों पर उपलब्ध है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने इस कवायद की पुष्टि करते हुए कहा है कि इस महीने के अंत तक मैजेंटा लाइन पूरी तरह मानव-रहित (Unmanned) हो जाएगी. 15-16 ट्रेनों से ड्राइवर के केबिन हटाए जा चुके हैं और इससे पैसेंजर्स के लिए ज्यादा जगह मिलेगी. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ट्रेन अटैंडेंट को भी चरणबद्ध तरीके से हटाएगा और तीन-चार ट्रेनों पर एक अटैंडेंट रखेगा.
2020 में शुरू हुआ ड्राइवरलैस ऑपरेशन
मैजेंटा लाइन (जनकरपुरी वेस्ट से बॉटेनिकल गार्डन) पर मेट्रो के ड्राइवरलैस ऑपरेशन की शुरुआत दिसंबर 2020 में हुई थी. इसके बाद नवंबर 2021 में इसे पिंक लाइन पर भी लागू किया गया. जब ड्राइवरलैस ऑपरेशन शुरू हुआ तब मेट्रो ट्रेन में एक अटैंडेंट रखा गया था. किसी इमरजेंसी के समय ट्रेन को संभालने के लिए इनकी नियुक्ति की गई थी.
इसके हैं कई फायदे
मेट्रो ट्रेनों के ड्राइवरलैस होने के कई फायदे हैं. इससे जहां ट्रेनों के संचालन में सुविधा होती है वहीं यह मानवीय हस्तक्षेप और गलतियों की गुंजाइश को भी कम कर देता है. साथ ही ट्रेन में ड्राइवर केबिन न होने की वजह से ट्रेन में यात्रियों के लिए अतिरिक्त कोच भी लगाए जा सकते हैं.
52 मेट्रो ट्रेन खरीदेगा DMRC
नई दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क के चौथे चरण में ड्राइवरलैस मेट्रो ऑपरेशन के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन 52 ट्रेन (312 मेट्रो कोच ) खरीदेगा. मैजेंटा और पिंक लाइन पर ड्राइवरलैस ऑपरेशन की सफलता से डीएमआरसी उत्साहित है और वह मेट्रो के चौथे चरण पर भी इसे लागू करेगा.