नई दिल्ली : म्यांमार पुलिस ने हिंसाग्रस्त रखाइन प्रांत से 325 करोड़ रुपये मूल्य की नशीली मेथाफेटामाइन टेबलेट बरामद की हैं। इन नशीली टेबलेट में कैफीन की अत्यधिक मात्रा होती है और इनका इस्तेमाल बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर किया जाता है। थाई भाषा में इस दवा को याबा कहते हैं।
नशीली दवा की यह बरामदगी मौंगडा जिले में हुई, जहां पर हाल के दिनों में सेना ने बड़े पैमाने पर रोहिंग्या आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस बरामदगी से रोहिंग्या मुस्लिमों पर नशे का कारोबार चलाने के आरोप की पुष्टि हुई है। म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्धों का आरोप है कि रोहिंग्या मुस्लिम कई तरह के अवैध काराबोर चलाते हैं और देश की संस्कृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
वर्षो से दोनों समुदायों के बीच चल रहा टकराव 25 अगस्त को तब भीषण रूप ले गया, जब रोहिंग्या आतंकियों ने 30 पुलिस चौकियों और सेना के ठिकाने पर हमला करके दर्जन भर से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को मार डाला। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में सेना ने रखाइन प्रांत के रोहिंग्या बहुल गांवों में कार्रवाई की।
सेना पर आरोप रोहिंग्या मुस्लिमों के देश से सफाए का है, लेकिन सेना का कहना है कि मुस्लिमों के गांवों में आगजनी आतंकियों ने की। उन्होंने सेना को बदनाम करने और उसकी कार्रवाई रोकने के लिए ऐसा किया। इसी के बाद करीब दो महीने में म्यांमार से करीब छह लाख मुस्लिम भागकर बांग्लादेश पहुंचे हैं। म्यांमार में मुस्लिमों की 11 लाख की आबादी का ज्यादातर हिस्सा देश छोड़ चुका है।