उत्तर प्रदेश में आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड किए जाने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। समाजवादी पार्टी के नेता नरेंद्र भाटी ने 28 जुलाई को एक सभा में कहा कि आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति को उन्होंने ही सस्पेंड कराया था। उन्होंने कहा मैंने ही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से रात 10.30 बजे बात की और रात 11.11 बजे उप जिलाधिकारी नागपाल के सस्पेन्शन का आदेश नोएडा के कलेक्टर के दफ्तर में आ गया।
इसी के साथ भाटी ने यही भी कहा था कि यह है लोकतंत्र की ताकत। 41 मिनट के अंदर निलंबन सस्पेन्शन का आदेश लखनऊ से छपकर
नोएडा आ गया। नरेंद्र भाटी ने दुर्गा शक्ति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का भी प्रयोग किया। वे यह बताने से भी नहीं चूके कि कैसे उन्हें बड़े अधिकारियों ने फोन कर दुर्गा शक्ति के सस्पेन्शन की खबर दी थी।
इस लहजे में अपनी ताकत और बहादुरी का बखान करते समय शायद नरेन्द्र भाटी यह भूल गए थे कि इससे अखिलेश सरकार का कच्चा चिट्ठा भी सामने आ रहा है या फिर उस कच्चे चिट्ठे के सामने आने की ना तो उन्हें और ना ही अखिलेश यादव को कोई परवाह है। क्योंकि जिस तरह दुर्गा शक्ति का निलंबन हुआ और जिस तरह अखिलेश इसे सही ठहरा रहे हैं, उससे तो साफ लगता है कि उन्हें अपने इस शर्मनाक फैसले पर कोई अफसोस नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक़ दुर्गा ने जो रेत माफियाओं पर श्ख्ती बरती है, उससे माफियाओं को सलाना 5 सौ करोड़ रुपए तक का नुकसान होने की बात कही जा रही है। नोएडा और उसके आसपास सक्रिय रेत माफिया अवैध खनन से हर महीने 100 करोड़ रुपए तक की कमाई करते हैं। दुर्गा शक्ति की कार्रवाई से इन रेत माफियाओं की कमाई में जबर्दस्त गिरावट आई थी और इसी बात को लेकर उनके बीच खलबली मची हुई थी।
दरअसल नोएडा में कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में आए जबर्दस्त बूम और निर्माण कार्यों के लिए नदी की रेत की जरूरत ने अवैध खनन के धंधे को तेजी से बढ़ावा दिया। ये खनन माफिया अवैध तरीके से नदियों से खनन करते हैं। इन माफियाओं को राजनीतिक पार्टियों का सहारा मिला होता है। अवैध खनन का यह खेल दुर्गा शक्ति जैसे अफसरों से निपटते हुए बिना किसी जमानत के भुगतान के चलता ही रहता है।
सूत्रों के मुताबिक़ आज भी नोएडा के सेक्टर 39 पुलिस स्टेशन के सामने बालू से भरे ट्रकों की लंबी कतार लगी है और यही दुर्गा शक्ति के ईमानदारी और निष्ठास के सुबूत हैं। ये ट्रक रेत माफिया की साजिश के सुबूत हैंए जिसके तहत एक ईमानदार अफसर को बेहूदा बताकर जलील किया गया और फिर सस्पेंड करा दिया गया।
अखिलेश यादव के खासमखास नरेंद्र भाटी ने ऐलान किया कि दुर्गा शक्ति ने एक धार्मिक स्थल की चारदिवारी गिरा कर गांव में दंगा भड़काने की कोशिश की और इसीलिए महज 41 मिनट में उन्हें सस्पेंड करा दिया, और यही बात कहीं न कहीं यूपी सरकार के खोल कि पोल सामने ला रही है।