इस साल दिल्ली में नए आईकार्ड बनाने और पुराने गलत बने कार्ड ठीक करने के काम में तेजी लाने की बात कही जा रही थी, लेकिन जिस तरह नए आई कार्ड बन रहे हैं उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वैसे तो चुनाव में गड़बडि़या बिना वोटर आईकार्ड के भी होती हैं, लेकिन गलत कार्ड बनने से इसके गलत प्रयोग की संभावना बढ़ जाती है। कई वोटर आई कार्ड में तो ऐसी तस्वीर लगी होती हैं, जिसमें उनका चेहरा ही पहचान में नहीं आता जिसका वह आईकार्ड होता है। दरअसल इसमें क्लोजअप फोटो की जबह फुल लेंथ फोटो लगी है। इस तरह की गड़बडि़यां बहुत सारे आई कार्ड में देखने को मिल रहे हैं।
ये आईकार्ड वोटर्स को घर-घर जाकर देने होते हैं। इसकी जिम्मेदारी BLO को दी गई है। यह एक कठिन और उलझा हुआ काम है, फिर भी चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए। दिल्ली में इस तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर BLO अपनी जिम्मेदारी सही से निभाए। जो काम BLO को करना चाहिए वह अपनी जिम्मेदारी सही से पूरी नहीं कर रहे हैं। बहुत से कार्ड ऐसे बन रहे हैं जिनमें नाम तक नहीं पढ़ा जा रहा। गड़बडि़यों की जाँच की जानी चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
इलेक्सन के दिनों में आईकार्ड का बहुत महत्व होता है, यह सब जानने के बावजूद भी आईकार्ड में बढ़ती गलतियाँ कम नहीं हो रही हैं। आईकार्ड जो कि हर नागरिक की पहचान करवाता है, इसके साथ ऐसी लापरवाही ठीक नहीं है।