नई दिल्ली : बिज़नेस की दुनिया से ताल्लुक रखने वाले लोगों के लिए मिसाल बने इस चीनी एंटरप्रेन्योर ने दस साल में चार कंपनियों की स्थापना किया और साथ ही महज 21 महीने में 96 अरब रुपये का स्टार्टअप खड़़ा करके पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल में बतौर इंजीनियर काम कर चुके कोलिन ने अपनी चौथे स्टार्टअप के तौर पर पिनड्यूड्यू (पीडीडी) की शुरुआत की जो फेसबुक और ग्रुपॉन मैशअप का संकर रूप है।
ब्लूमबर्ग की कोलिन हुआंग पर केंद्रित रिपोर्ट के अनुसार उनके नए स्टार्टअप पीडीडी को 10 करोड़ डॉलर का निवेश मिला है। जबकि, कंपनी को अभी दो साल भी नहीं हुए हैं। कोलिन का मानना है कि पीडीपी ई-कॉमर्स का कायांतरण कर देगा। कोलिन गूगल में रहने के दौरान ई-कॉमर्स के शुरुआती एल्गोरिदम पर काम कर चुके हैं। इस तरह कोलिन पिछले कुछ सालों में वैश्विक पटल पर उभरने वाले एंटरप्रेन्योर में शामिल हो गये हैं।
पीडीडी का आइडिया बहुत ही सरल है। आप अमेजॉन, अलीबाबा या फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन रिटेल कंपनियों से खरीदारी करते के पहले पीडीडी पर उनके बारे में फीडबैक ले सकते हैं। लोगों से इस पर गपशप कर सकते हैं। उसके बाद अगर आप मिलजुलकर खरीदारी करते हैं तो आपको विशेष छूट मिलेगी। हालांकि ट्विटर और फेसबुक इससे मिलता जुलता आइडिया ट्राई कर चुके हैं लेकिन दोनों को ही इसमें सफलता नहीं मिली। वहीं पीडीडी चीन में सफल रहा है। यह अलीबाबा डॉट कॉम और जेडी डॉट कॉम के बाद चीन का तीसरा सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन चुका है। इसमें अभी करीब 500 कर्मचारी हैं लेकिन कोलिन कंपनी को मिलती सफलता के चलते कर्मचारियों की संख्या दोगुना करने वाले हैं।
चीन के हांगझाऊ के निवासी 37 वर्षीय कोलिन के पिता फैक्ट्री मजदूर थे। गरीब परिवार में जन्मे कोलिन ने अपनी तीक्ष्ण मेधा के दम पर जेझियांग यूनिवर्सिटी में प्रवेश हासिल किया। पढ़ाई के दौरान वो चीन की राजधानी बीजिंग स्थित माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के दफ्तर में पार्ट-टाइम नौकरी करके 900 डॉलर (करीब 55 हजार रुपये) कमाने लगे थे। बाद में वो माइक्रोसॉफ्ट के अमेरिका स्थित दफ्तर में इंटर्नशिप करने गये और उनकी तनख्वाह हो गयी छह हजार डॉलर (करीब तीन लाख साठ हजार रुपये) प्रति माह।
कोलिन 2004 में कम्प्यूटर इंजनीयिरिंग में स्नातक हो गये। कोलिन ने स्थापित कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी न करके तब अल्पज्ञात कंपनी गूगल में नौकरी की। कोलिन ने ब्लूमबर्ग से कहा, “मैंने गूगल अनिश्चितता के लिए चुना।” गूगल का कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ा और कंपनी के बहुत मामूली साझीदार कोलिन को बड़ा मुनाफा मिला। करोड़पति हो चुके कोलिन 2006 में चीन वापस आ गये।
2007 में कोलिन ने ओउकी नाम का पहला स्टार्टअप शुरू किया जो इलेक्ट्रॉनिक सामान और मोबाइल फोन बेचता था। साल 2010 में उन्होंने इसे बेच दिया। उसके बाद उन्होंने लेकी की शुरुआत की। लेकी अलीबाबा और अमेजॉन जैसी कंपनियों को उनके प्रचार में मदद करती थी। इसके अलावा कोलिन ने एक गेमिंग कंपनी भी शुरू की। उनके दोनों ही स्टार्टअप सफल रहे और वो खुद को आर्थिक रूप से मुक्त महसूस करने लगे।
साल 2013 में 33 साल की उम्र में वो रिटायर हो गये। करीब एक साल तक घर पर रहने के बाद उन्होंने पीडीडी की शुरुआत की। 2016 में पीडीडी को 96 अरब रुपये का निवेश मिल गया। 2016 के शुरुआत में पीडीडी से माध्यम से बेचे गए सामान की कुल कीमत 10 करोड़ युआन तक थी जो अब चार अब युआन प्रति माह तक पहुंच चुकी है।