नई दिल्ली: पुणे के एक अस्पताल में भर्ती जानेमाने कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण का 94 साल की उम्र में 26 जनवरी 2015 की शाम उनका निधन हो गया। उन्हें 17 जनवरी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। यह भारत के आम आदमी को सबसे पहले पहचान देने वाले, कॉमनमैन को नायक बनाने वाले भारत के सबसे मशहूर कार्टूनिस्ट थे।
बीते दिनों अस्पताल में आरके लक्ष्मण की हालत स्थिर बताई जा रही थी। उनकी डायलिसिस हुई और डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी हालत में सुधार हो रहा है। हालांकि एहतियाती उपाय के तौर पर चिकित्सकों ने उन्हें सघन निगरानी कक्ष (आईसीयू) में स्थानांतरित कर दिया था। चिकित्सकों ने बताया कि अनेक अंगों के काम करने में विफल रहने के बाद लक्ष्मण को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक़ लक्ष्मण को स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याएं थीं। पहले भी वह गुर्दा संबंधी समस्या और फेफड़े में संक्रमण से पीड़ित रहे हैं। लक्ष्मण को 2010 में स्ट्रोक का सामना करना पड़ा था, जिससे उनके शरीर के दाएं भाग पर बुरा प्रभाव पड़ा था। लक्ष्मण को ‘कॉमन मैन’ नामक शानदार कार्टून चरित्र गढ़ने का श्रेय जाता है।
आपको बता दें कि आरके लक्ष्मण अपनी बेहतरीन प्रतिभा के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण, बीडी गोयनका पुरस्कार, दुर्गा रतन स्वर्ण पदक और रमन मैग्सेसे जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। एक कार्टूनिस्ट होने के अलावा उन्होंने ‘द एलोक्वोयेन्ट ब्रश’, ‘होटल रिवीयेरा’ ‘द मैसेंजर’ और अपनी आत्मकथा ‘द टनल ऑफ टाइम’ का संपादन भी किया है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने लक्ष्मण को देशवासियों के जीवन में ह्यूमर का पुट जोड़ने के लिए शुक्रिया अदा किया है।