देश के विकास की रूप-रेखा तय करने वाले योजना आयोग को खत्म करने पर विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इस मामले में एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिहं अहलूवालिया कुछ दिन पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। अब खबर है कि मोदी सरकार योजना आयोग को बहाल नहीं करेगी।
सूत्रों के मुताबिक जल्द ही केंद्र सरकार इस बारे में नोटिफिकेशन जारी करने वाली है। 15 मार्च 1950 को बने योजना आयोग का अध्यक्ष हमेशा तत्कालीन प्रधानमंत्री होता है। प्रधानमंत्री ही योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए तमाम अधिकारियों के साथ ही उपाध्यक्ष की नियुक्ति भी करते हैं।
योजना आयोग ने 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना तैयार की थी और उसके बाद 2012 तक लगातार 11 पंचवर्षीय योजनाओं पर काम हो चुका है। 2012 से 2017 तक 12 पंचवर्षीय योजना फिलहाल अमल में है। 12वीं पंचवर्षीय योजना को उद्देश्य तेज, सतत और अधिक समावेशी विकास है। पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू योजना आयोग के पहले अध्यक्ष थे और अगर मोदी सरकार योजना आयोग को भंग करने का फैसला लेती है तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसके अंतिम अध्यक्ष होंगे।
योजना आयोग का मुख्यालय योजना भवन, नई दिल्ली में संसद मार्ग पर स्थिमत है।