हाल में खबर आई थी कि शाहरुख और गौरी सरोगेसी के जरिये तीसरे बच्चे के माता-पिता बनने जा रहे हैं। विवाद उस वक्त खड़ा हुआए जब शाहरुख पर बच्चे के लिंग परीक्षण के आरोप लगे। महाराष्ट्र रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएशन की मांग पर महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात के जांच कराने का आदेश दिया है। जिसमें एक अखबार ने दावा किया था शाहरुख और उनकी पत्नी गौरी सरोगेसी के जरिए एक बेबी ब्वॉय को एक्सैप्ट कर रहे हैं।
जब मुहम्मद बख्तियार रजा खां ने दारुल इफ्ता से यह सवाल पूछा था किए सरोगेसी यानी किराये की कोख से बच्चा पैदा कराने के लिए शरीयत में क्या हुक्म है। तब सदर मुफ्ती ने इसके जवाब में कहा, ‘किराये की कोख से बच्चा पैदा करने के लिए स्पर्म कुछ लोगों या डॉक्टर की देख-रेख में एक जगह से लेकर दूसरी जगह डालना होगा, और यह एक ‘बेहयाई’ है। इस तरह बच्चा पैदा करने का तरीका भी हराम है। शरीयत इसकी इजाजत नहीं देती। ऐसा करने और कराने वाले पर तौबा लाजिम है। बच्चा पैदा करने का सही तरीका वही है, जो अल्लाह और उसके रसूल ने फरमाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर शौहर को बच्चे की ख्वाहिश है और बीवी में कोई कमी है तो उसका इलाज कराए। फिर भी ठीक नहीं होती तो दूसरी शादी का हुक्म है लेकिन बच्चा किराये की कोख से पैदा नहीं कराया जा सकता। ऐसा करने वाला अल्लाह और उसके रसूल की नाफरमानी करेगा।
इस मुद्दे को लेकर मदरसा मंजर-ए-इस्लाम दरगाह आला हजरत के मुफ्ती सैयद मुहम्मद कफील और जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम का कहना है कि हराम काम को करने वाला शरीयत का मुजरिम है। वह अल्लाह के नजदीक सजा का हकदार है। बंदों के लिए हुक्म है कि अगर हराम काम को करना वाला अपने गुनाह से बाज नहीं आता है तो उसका बॉयकॉट किया जाएगा।