बदख्शां प्रांत के उपगवर्नर गुल मोहम्मद बेदार ने कहा, ‘पिछला आंकड़ा हमारे तकनीकी दल का नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों से हासिल करके बताया गया था।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि भूस्खलन के बाद 2000 से अधिक लोग लापता हैं और मरने वालों की संख्या 500 से अधिक नहीं जाएगी।’ ग्रामीण इस प्राकृतिक आपदा के आगे खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं और गवर्नर ने खुदाई में सबसे मदद की अपील की है। भूस्खलन के कारण लगभग सभी मकान ध्वस्त हो गए हैं।
ज्यादातर ग्रामीण दो मस्जिदों में जुमे की नमाज पढ़ रहे थे कि तभी वे मलबे के विशाल ढेर में दफन हो गए। जब लोग मलबे की चपेट में आए लोगों की मदद करने पहुंचे तो तभी दूसरा भूस्खलन हो गया और ये लोग भी वहीं दफन हो गए।
बदख्शां के लोग बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन, संयुक्त राष्ट्र और नाटो के सैन्य बल की मदद कर रहे हैं। गांव में दिन भर तेज बारिश हुई और बाढ़ भी आ गई। अफगानिस्तान में अक्सर भूस्खलन और हिमस्खलन की घटनाएं होती हैं लेकिन ये भूस्खलन भीषण था।