अडानी ग्रुप के शेयरों में आए भूचाल के बाद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी के शेयरों में जोरदार गिरावट आई है. पिछले 5 दिनों में अडानी एंटरप्राइजेज का टिकट 49.60 फीसदी टूट गया है. वित्त मंत्री ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा है कि इस मामले पर एसबीआई और एलआईसी की तरफ से बयान जारी किया गया है.
एक्सपोजर है लिमिटेड
एसबीआई और एलआईसी की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, अडानी ग्रुप का एक्सपोजर उनके पास लिमिट में रहा है. इसके साथ ही उन्होंने मार्केट रेगुलेटर्स की तारीफ भी की है. सीतारमण के बयान के मुताबिक, उनका एक्सपोजर (अडानी समूह के शेयरों में) लिमिट में हैं और वैल्यूएशन में गिरावट के साथ वे अभी भी प्रॉफिट में हैं.
एलआईसी ने दी जानकारी
एलआईसी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, अडानी ग्रुप के लोन और इक्विटी में 36,474.78 करोड़ रुपये के निवेश का भी खुलासा हुआ है. इसके साथ ही बताया है कि यह राशि उसके कुल निवेश का सिर्फ एक फीसदी है.
अडानी ग्रुप के कोहराम का नहीं होगा असर
एलआईसी और एसबीआई को अधिकारियों ने कहा है कि अडानी ग्रुप में मचे हुए कोहराम का उन पर कोई भी असर नहीं होगा. उनका निवेश इसमें सीमित था और जो भी निवेश था उससे कंपनियों और बैंक को फायदा हुआ है.
बैंकिंग सिस्टम इस समस्या का कर रहा सामना
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने इंटरव्यू में आगे कहा है कि इस समय भारतीय बैंकिंग सिस्टम दोहरी बैलेंस शीट की समस्या का सामना कर रहा है. इसके अलावा एनपीए, वसूली की स्थिति में सुधार हुआ है. एसबीआई ने इस अवधि में निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के लिए ही यह कदम उठाया है.
120 अरब डॉलर गिरा मार्केट कैप
बता दें अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 120 अरब डॉलर से भी ज्यादा गिर गया है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही ग्रुप के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली है. इस रिपोर्ट के बाद में अडानी ग्रुप की लिस्टेड 7 कंपनियों ने अपने आधे से ज्यादा मार्केट कैप गवां दिए हैं.