दूरसंचार विभाग ने सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे है निजता के अधिकार विधेयक पर अपनी टिप्पणी में यह सिफारिश की है। विभाग कहना है कि प्रस्ताविक बिल की धारा-51 के तहत गैरकानूनी फोन टैपिंग के लिए जुर्माने की राशि को मौजूदा एक लाख से बढ़ाकर दो करोड़ करने का प्रावधान किया जाना चाहिए।
इसके लिए दूरसंचार विभाग ने संसद में सरकार की ओर से दिए गए एक बयान का हवाला दिया है।
कुछ समय पूर्व सरकार ने संसद में बताया था कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1985 के तहत जारी संदेशों को गैरकानूनी तरीके से पकड़ने की सजा के रूप में वसूली जाने वाली जुर्माने की राशि को बढ़ा कर 2 करोड़ रूपये कर दिया गया है।
दूरसंयार विभाग का कहना है कि यदि मामले में जुर्माने की राशि को बढ़ा दिया गया तो फोन टैपिंग मामले में ऐसा ही किया जाना चाहिए। पिछले दिनों प्राइवेट जासूसों द्वारा अपने ग्राहकों के कहने पर लोगों के फोन की गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग की कई घटनाएं सामने आई हैं। इसमें ठश्रच् नेता अरूण जेटली का फोन टैप होने का मामला भी शामिल है।