मामला अपहरण का था, वो भी कचहरी गेट के सामने सेए देखते देखते पुरे न्यायालय परिसर में सनसनी फ़ैल गयी। अपने आदत के मुताबिक़ घटना के 15 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुँचती है। मगर जिस तत्परता से और मुश्तैदी से पुलिस ने घटना को अंजाम देने वालो को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाती है। उससे लगता है जैसे इस अपहरण की स्क्रिप्ट पुलिस प्रशासन को पहले ही दी जा चुकी हो।
चलिए अब ज़रा पूरी घटना पर निगाह दाल लेते है, कानपुर देहात के माती मुख्यालय स्थित जिला सत्र न्यायालय में रोज़ाना की तरह कामकाज चल रहा था। मगर अचानक न्यायालय परिसर में एक सूचना से परिसर में हडकंप मच गया, आई पी सी की धारा 376 के मुलजिम रिंकू पेसी से निकल कर जैसे ही कचहरी के गेट के बाहर निकला। एक इंडिका कार उसके सामने रुकी, जिसमे से तीन युवक बाहर निकलते है और रिंकू को जबरन गाडी में बैठाकर वहा से निकल जाते है। जबकि रिंकू को कोर्ट तक लाने वाले दोनों सिपाही समझ ही नहीं पाते की आखिर रिंकू के साथ हुआ क्या, जबतक उन्हें एहसास हुआ तबतक अपहरण कर्ता रिंकू को लेकर वहा से निकल जाते है।
दिनदहाड़े हुए इस घटना से न्यायालय परिसर में हडकंप मच गया। सुरक्षा में आये पुलिस वालो ने इसकी सूचना तत्काल अपने अधिकारिओ को दी। आदत के मुताबिक़ सूचना मिलने के करीब 15 मिनट बाद पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुचती है, मौके पर पहुंचे अधिकारिओ ने मामले का जायजा लेने के बाद, अपहरंकर्ताओ की तलाश में पुलिस के दो टीम को लगा दिया। पुलिस ने हरकत में आते हुए लगभग चार घंटे की मशक्कत के बाद अपहरंकर्ताओ को देर शाम गिरफ्तार कर लिया और रिंकू को सकुशल बरामद कर लिया पुलिस ने अपहरण में इस्तेमाल की गयी कार बरामद कर ली।
रिंकू के अनुसार अपहरणकर्ता थे वो उसके गाँव के ही थे, और उसे दिल्ली ले जा रहे थे, जहा उससे बधुआ मजदूर की तरह काम करने की बात बोल रहे थे। नहीं तो मार कर फैक देने की बात कर रहे थे। मगर पुलिस की घेराबंदी की वजह से उन अपहरण कर्ताओं के मंसूबो पर पानी फिर गया।
उधर कानपुर देहात के अपर पुलिस अधीक्षक राम किशुन भी अपने अमले के कार्यशैली से बेहद खुश थे। मगर उनके अनुसार आखिर वो युवक रिंकू को अपहरण कर दिल्ली क्यों ले जा रहे थे। इसको लेकर पुलिस रिंकू और अपहरण कर्ताओं से पूछताछ कर रही है।