12 मार्च 1993 मुंबई में हुए बम धमाके को लेकर आज फिर एक बड़ा फैसला लिया गया है, जो की बहुत अहम भी है । 20 वर्ष पहले हुए बम धमाकों के जख्म आज भी पूरी तरह भरे नहीं हैं, बल्कि इससे जुड़ी कोई भी बात सामने आते ही लोगों के जख्म और ताजे हो जाते हैं। मुंबई में एक के बाद एक लगातार किये गये 13 बम विस्फोटों में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। इन धमाकों की वजह से 27 करोड़ रुपये की संपत्ति का भी नुकसान हुआ था।
इस मामले में 123 लोगों पर आरोप लगे थे जिसमें ने 100 लोगों को दोषी करार दिए जाने के बाद सजा सुनाई गई थीए जिसमें 12 दोषियों को मौत और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। देश की सर्वोच्च अदालत ने टाडा अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए याकूब मेनन की फांसी की सजा बरकरार रखी है, लेकिन अन्य 10 दोषियों की सजा.ए.मौत को उम्रकैद में बदल दिया गया है। इस मामले में कुल 12 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थीए लेकिन एक की मौत जेल में ही हो चुकी है। उम्रकैद की सजा पा चुके 20 दोषियों में से 17 की सजा बरकार रखी गई है। एक महिला को बरी कर दिया गया है और एक दोषी की सजा घटाकर 10 साल कर दी गई है। 20 में से एक की जेल में मौत हो चुकी है।
फिल्म अभिनेता संजय दत्त पर लगे आरोप को लेकर भी अहम फैसला लिया गया है। संजय दत्त को टाडा कोर्ट में सजा मिली थी। सीबीआई का आरोप है कि संजय दत्त को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम से एक एके 56 राइफलए एक पिस्तौल और कुछ बारूद के गोले उपलब्ध कराए गये थे। कुछ दिन बाद संजय दत्त ने गोले वापस कर दिये थे, लेकिन एके 56 राइफल रख ली थी। जिसके बाद उनके घर से यह राइफल बरामद की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
मुंबई बम धमाकों में भी सीबीआई ने संजय दत्त का नाम लिया था लेकिन विशेष अदालत ने उन्हें आरोपों से बरी कर दिया था। हालांकि गैरकानूनी रूप से एके 56 राइफल और एक पिस्तौल रखने के आरोप में टाडा की निचली अदालत ने उन्हें वर्ष 2006 में आर्म्स एक्स का दोषी मानते हुए छह वर्ष की सजा सुनाई थी। संजय दत्त पहले ही 18 महीने जेल में गुजार चुके हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। संजय ने अपनी शादी और हाल में हुए बच्चों का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट से राहत की अपील की थी, जिसे ठुकराते हुए कोर्ट ने कहा कि उन पर साबित हुए आरोप ऐसे नहीं हैं कि उन्हें खुला छोड़ दिया जाए और इसी के साथ संजय दत्त को 5 साल की सजा सुनाई गई है ।