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चारा घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव को दी जमानत

009 lalu prasad yadavसुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में दो महीने से जेल की सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी है। चारा घोटाले में लालू को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने यह रेखांकित करते हुए लालू को जमानत प्रदान कर दी कि इस मामले में उनकी तरह के कई दोषियों को जमानत दी जा चुकी है।

लालू प्रसाद ने झारखंड हाई कोर्ट के 31 अक्टूबर के उस अंतरिम फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी गई थी। रांची में CBI की एक विशेष अदालत ने 30 सितंबर को चारा घोटाले में लालू प्रसाद, बिहार के ही एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, जनता दल (युनाइटेड) के सांसद जगदीश शर्मा सहित अन्य को दोषी ठहराया था।

न्यायालय ने पूर्व सांसद पर लगाई जाने वाली जमानत राशि, मुचलका राशि और अन्य शर्तों के निर्धारण का काम निचली अदालत पर छोड़ दिया। इस मामले की अभियाजक एजेंसी, केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लालू की जमानत याचिका का विरोध नहीं किया।

25 नवंबर को लालू प्रसाद ने चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दायर की थी। करोड़ों रुपये के चारा घोटाले में लालू को सश्रम पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। अपनी जमानत के लिए दलीलें देते हुए लालू ने कहा कि इस मामले में उनके साथ दोषी ठहराए गए कुल 44 लोगों में से 37 लोगों को जमानत दे दी गई और उन्हें छोड़ कर किसी और की जमानत याचिका खारिज नहीं की गई।

लालू की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने अदालत से कहा कि लालू पहले ही 12 महीने जेल में गुजार चुके हैं और इसमें पांच साल की कैद की सजा में गुजारे गए दो माह शामिल हैं। जेठमलानी ने जमानत का आग्रह करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल की अपील झारखंड उच्च न्यायालय में लंबित है और मामले का फैसला करने में उसे कम से कम सात से आठ साल लगेंगे। लालू ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। झारखंड हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

इसी के साथ CBI की एक विशेष अदालत ने चाइबासा खजाने से धोखेधड़ी से 37.7 करोड़ रुपये निकालने पर आधारित चारा घोटाले में 30 सितंबर को राजद प्रमुख, बिहार के एक अन्य मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और 43 अन्य लोगों को दोषी ठहराया था।

अपनी जमानत याचिका में लालू ने कहा था, अदालत ने जमानत याचिका रद्द करने का कोई कारण नहीं दिया। जमानत प्रदान करने में याचिकाकर्ता के साथ अलग तरह से पेश आया गया, क्योंकि सह आरोपियों में से कुछ को इसी तरह की स्थितियों में जमानत प्रदान की गई।
लालू को जमानत मिलने के बाद कपिल सिब्बल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सबकुछ कानून के मुताबिक होना चाहिए। अच्छा हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने लालू जी को जमानत दी। हम देश की सर्वोच्च कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।

उधर लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा, ‘हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा था। जल्द ही चुनाव लड़ने के लिए भी लालू जी योग्य हो जाएंगे। जिस भी पार्टी के लोगों ने ये षडयंत्र रचा है उनको इस फैसले से बड़ा झटका जरुर लगा होगा।