लखनऊ, ब्यूरो। उत्तर प्रदेश पुलिस की महत्वाकाक्षी योजना सीसीटीएनएस (क्राईम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एण्ड सिस्टम) को आधार देने वाले टेक्नीशियन अब बेरोजगार हो गए है। प्रदेशभर के लगभग साढ़े चार सौ सीसीटीएनएस इंजीनियरों ने सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से नौकरी में बनाए रखने की गुहार लगाई है।
थानों और पुलिस कार्यालयों को हाईटेक बनाने के लिए सीसीटीएनएस योजना को प्रदेशभर के 1500 थानों सहित पुलिस कार्यालयों में लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीकी सेवाऐं द्वारा विभिन्न आउट सोर्सिंग कम्पनियों के जरिए तकनीकी सहायकों हेण्ड होल्ड सपोर्ट स्टाफ को रखा गया था। जिसमें प्रदेशभर के क्षेत्राधिकरीयों के कार्यालयों में नियुक्त कर थानों में सीसीटीएनएस योजना के कार्यानवयन की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन अब इन हेण्ड होल्ड कर्मचारियों को 31 अगस्त से नौकरी से बाहर कर दिया गया है।
बेहद कम तन्ख्वाह पर अपनी सेवाएं देने वाले हेण्ड होल्ड स्टाफ अपने दम पर प्रदेश में सीसीटीएनएस योजना को लागू करने वाले अब दर दर भटकने को मजबूर हो गए हैं। ऐसे में गत 20 अगस्त को हेण्ड होल्ड स्टाफ ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम सम्बोधित ज्ञापन भेजा है। जिसमें नौकरी पर बनाए रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीकी सेवाएं में समायोजित कर तकनीकी सेवाओं में सेवारत रहने की गुहार लगाई है।
गौरतलब है कि हेण्ड होल्ड स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया में पुलिस विभाग तकनीकी सेवाएं सहित आउट सोर्सिगं कम्पनियों द्वारा पांच इंटरव्यू और लिखित परीक्षा से चयन किया गया था। चयन के बाद नौकरी पाने वाले हेण्ड होल्ड कर्मी ऐसे है जिनमें कईयों को दो से तीन माह ही नौकरी करते हुए थे कि नौकरी से बाहर करने का फरमान आ गया।
बिगड़ी सीसीटीएनएस की चाल
हेण्ड होल्डिंग स्टाफ के जाते ही प्रदेश के थानों में सीसीटीएनएस योजना के कार्यानवयन की स्थिति बेहद धीमी हो गई है। थानों की हाईटेक प्रणाली में कम्प्यूटरों को प्रयोग केवल टाईपराईटर तक सिमट गया है। यूपी के कई थानों में तो एफआईआर, एनसीआर दर्ज करने के लिए फिर से जिल्ड चिक ने कमान संभाल ली है।एसे में देखा जा रहा है जिस तरह सीसीटीटीएनएस ने थानों को हाईटेक सिस्टम के तहत तेजी से रफ्तार पकड़ी थी अब वह तेजी से ही पीछे हटने की ओर बढ़ रही है।