कहीं गाँव में घुसा पानी, तो कहीं खतरे के निशान तक पहुंची गंगा।

gangaकानपुर। तेज बारिश के चलते जहाँ उत्तराखंड में भारी तबाही का मंजर देखने को मिला वही यूपी में भी कई जिले बाढ़ से प्रभावित है, इसी कड़ी में गंगा किनारे बसा कानपुर में भी गंगा नदी खतरे के निशान तक पंहुच गयी है, जिसकी वजह से कुछ गांवो में गंगा नदी का पानी घुस गया है, तो कही घुसने की तैयारी में है, एसे में लोग उन गांवो से पलायन कर महफूज जगह पर शरण ले रहे है, जबकि हमीरपुर में गंगा नदी पर बना चालीस साल पुराना पुल में

दरार आने से लोग सकते में आ गए है, मगर जिला प्रशासन अभी भी सिर्फ कागजो में ही प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का दावा कर रही है।

पहले मानसून की दस्तक फिर उत्तराखंड में तबाही का तांडव जिसमे सामने आया उत्तराखंड सरकार का सचए जिसमे कई हजार लोगो की बलि चढ़ गयी, कुछ येसा ही यूपी के कई जिलो में भी दिखने लगा है, कानपुर में जहा गंगा नदी खतरे के निशान के पास पहुँचने की वजह से गंगा की कटरी पर बसे कई गाँव में गंगा का पानी अपना तांडव दिखाना शुरू कर दिया है, वही कन्नौज के भी कई गाँव भी बाढ़ की चपेट में आ गए है, जबकि हमीर पुर में गंगा नदी पर बना पुल कल अचानक दरक गया, जिसकी वजह से आम जनता के साथ प्रशासन भी सकते में आ गयी।

कानपुर में जहाँ नदी किनारे चालीस हजार की आबादी वाले करीब तीस गाँव एसे है, जो हर साल बाढ़ का सामना करते है, इनमे से रामपुर गाँव में गंगा नदी का पानी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है, गाँव में बाढ़ आने से लोग पलायन करने लगे है, गाँव के ही रामबहादुर की माने तो उनके गाँव में हर साल बाढ़ आती है, और सैकड़ो लोगो का हर साल घर पानी में डूब जाता है, मगर जिला प्रशासन कुछ नहीं करतीए एसे ही उसी गाँव के पप्पू की माने तो गंगा नदी का पानी दो दिनों से घरो में घुस है मगर कोई भी सरकारी अधिकारी उनलोगों की सुध लेने नहीं आया।

वही तहसीलदार, आर फारुखी की माने तो गंगा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है, और संभवतः रविवार की शाम तक गंगा नदी खतरे के निशान पार कर जाएए दरअसल नरौरा बाँध से पांच लाख क्यूसिक पानी गंगा नदी में छोड़े जाने के बाद बैराज पर पानी चेतावनी बिंदु के निकट तक पहले ही पहुच चूका है, हांलाकि प्रशासन स्तर पर बाढ़ से निपटने की तैयारी पूरी कर ली गयी है, मगर बाढ़ से ग्रसित गांवों का दौरा कर ग्रामीणों को सतर्क करने के अलावा अभी मदद के लिए बनने वाली चौकियो को भी नहीं बनाया है, इतना ही नहीं गंगा किनारे कही भी जिला प्रशासन की तैयारी का नजारा देखने तक को नहीं मिला।

वही कन्नौज के भी कुछ गांवो में गंगा नदी प्रवेश कर चुकी है, जिसकी वजह से कई लोगो ने अपना घर छोड़ कर पलायन कर चुके है, सड़क किनारे आश्रय लिए लोगो से जब सरकारी इंतजाम के विषय में पूछा गया तो उनका कहना था कि अब तो उन्हें इस बाढ़ की आदत सी हो गयी है, और रही बात प्रशासन की तो वो वही करते है जो उनका मन करता है, बाढ़ का पानी गांवो में घुस जाता है, और जिला प्रशासन बाढ़ से पद गया निपटने की सिर्फ तैयारी में ही जुटा रहता है।

उधर हमीरपुर में नदी पर बना चालीस साल पुराना पुल अचानक दरक गया, और उसके पिलरो में भी दरार आ गयी, पुल के दरकने और पिलरो में दरार आने से लोग सकते में आ गए, और जिला प्रशासन के हाथ पाँव फुल गए, कोई बड़ा हादसा ना हो इसको लेकर जिला प्रशासन ने उस पुल पर से गुजरने वाले भारी वाहनों पर रोक लगा दी है, खुद जिलाधिकारी चंद्रकला मौके पर पहुँच कर स्थिति का जायजा लिया, और माना की ये पुल खतरनाक हो चूका है, क्योकि ये पुल चालीस साल पुराना है, और इस पुल में इसके पहले भी कई बार दरार पद चूका है, इनके मुताबिक़ सोमवार को एन एच हाईवे के अधिकारी इसका जायजा लेने आयेंगे।