नई दिल्ली : यात्रियों के अनुकूल एक कदम के तहत रेलवे ने ऐसी सीटों के अंतरण की सुविधा की घोषणा की है, जो दूसरा चार्ट तैयार होने के बाद ट्रेन के प्रारंभिक स्टेशन पर खाली रह जाएंगी। उन्हें अगले स्टेशन पर प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को वहां आवंटित कर दिया जाएगा।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कई नीतिगत पहल शुरू की। इसमें कैटरिंग इकाइयों में आवंटन के लिए आरक्षित श्रेणी के भीतर 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं को देने और स्टेशनों पर वाणिज्यिक लाइसेंस के लिए स्थानीय अधिवासी प्रमाण पत्र धारकों को तवज्जो देना शामिल है, जिसका उन्होंने 2016-17 के रेल बजट में वादा किया था।
नयी सुविधा के अनुसार पीआरएस (यात्री आरक्षण प्रणाली) स्वत: दूसरा चार्ट तैयार होने के बाद आरंभिक स्टेशन पर उपलब्ध खाली सीटों को बाद के स्टेशनों पर जहां प्रतीक्षा सूची के यात्री उपलब्ध होंगे उन्हें सीट आवंटित कर देगी।
यात्री को उनके पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस प्राप्त होगा जिसमें आवंटित कोच और बर्थ संख्या के बारे में बताया जाएगा। यह रोड साइड स्टेशनों से चढ़ने वाले यात्रियों को कन्फर्म सीट पाने में मदद करेगा। फिलहाल ऐसे यात्रियों को कन्फर्म सीट तभी मिलती है जब स्टेशन के लिए आवंटित पूल्ड कोटा (पीक्यू) की कन्फर्म सीटें रद्द होती हैं।
टीटीई अब खाली सीटों को ट्रेन खुलने के बाद सिर्फ अगले स्टेशन तक के लिए खाली सीट आवंटित कर सकेंगे, जहां ट्रेन के लिए कोटा उपलब्ध है। अगर अगले स्टेशन पर कोई व्यक्ति नहीं चढ़ता है, तब टीटीई उसे अगले कोटा स्टेशन तक बढ़ा सकेगा।
फिलहाल तकरीबन तीन लाख सीट प्रति वर्ष खाली रह जाती हैं जबकि बीच के स्टेशन पर उसकी मांग हो सकती है। यह प्रणाली आरंभिक स्टेशन से ट्रेन के प्रस्थान के समय उपलब्ध सीटों के बेहतर उपयोग में मदद करेगी और सीट आवंटन में टीटीई को उपलब्ध विशेषाधिकार को खत्म करेगी।
स्थानीय लोगों की मदद करने के लिए रेलवे ने स्थानीय स्वामित्व के निर्माण और ग्रामीण सशक्तीकरण के साथ सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए स्टेशनों पर वाणिज्यिक लाइसेंस के लिए जिला अधिवासी प्रमाण पत्र धारकों को अधिमान देने के लिए नयी योजना शुरू की। रेलवे ने उदारीकृत स्टेशन से स्टेशन विशेष माल भाड़ा दर नीति भी शुरू की।
प्रभु ने कहा कि रेलवे सभी मामलों में यात्रियों की संतुष्टि को हासिल करने का प्रयास कर रही है और आज की पहल उस संबंध में उसके प्रयासों का हिस्सा है।