नई दिल्ली : अब भारत में भी पहली बार प्लास्टिक के नोट बनाए जाएंगे। जी हां यह सच है लोकसभा में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक सवाल के जवाब में बताया कि 10 रुपये के नोट का फील्ड ट्रायल किया जाएगा। लोकसभा में मंत्री ने कहा कि प्लास्टिक नोटों की छपाई के लिए आरबीआई को मंजूरी दे दी गई है।
मंत्री ने बताया कि कई स्टडीज में साबित हुआ है कि प्लास्टिक के नोट मौजूदा कॉटन सबस्ट्रेट बेस्ड नोटों के मुकाबले ज्यादा चलेंगे। अभी इन नोटो को देश में केवल 5 जगहों पर ट्रायल के तौर पर चलाया जाएगा। नोटों की आयु बढ़ाने के मकसद से RBI बीते कई सालों से ऐसी करंसी चलाने की कोशिश में जुटा है, जो आसानी से खराब न हो सकें।
इसी नीति के तहत आरबीआई ने प्लास्टिक नोटों की छपाई का प्रस्ताव दिया, जिसे केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। प्लास्टिक नोटों की शुरुआत 10 रुपये के नोट से होगी। इसके बाद अन्य नोटों की छपाई में भी इस विकल्प को आजमाने पर विचार किया जाएगा।
अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि प्लास्टिक नोट की औसत आयु पांच वर्ष है और इसकी नकल करना कठिन है। साथ ही यह भी कहा कि प्लास्टिक से तैयार नोट पेपर नोट के मुकाबले ज्यादा स्वच्छ होते हैं। मंत्री ने कहा कि साइबर सिक्यॉरिटी पर इंटर डिसिप्लिनरी कमिटी स्टैंडिग कमिटी का गठन किया गया है। यह कमिटी देश में साइबर सिक्यॉरिटी को मजबूत करने के उपायों को तलाशेगी। खासतौर पर डिजिटल इंडिया और कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने की नीति में साइबर सिक्यॉरिटी की अहम जरूरत बताई जा रही है।
दुनियाभर के केंद्रीय बैंक बीते कई सालों से नोटों की लाइफ बढ़ाने के लिए प्लास्टिक नोट्स जैसे विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक फील्ड ट्रायल के बाद प्लास्टिक करेंसी नोट को देशभर में लॉन्च करेगा। सरकार ने पहली बार फरवरी 2014 में 10 रुपये के प्लास्टिक नोट को फील्ड ट्रायल के लिए मंजूरी दी थी। फील्ड ट्रायल के लिए उस समय चुने गए शहरों में कोच्चि, मैसूर, जयपुर, शिमला और भुवनेश्वनर शामिल थे। आपको बता दें कि नकली मुद्रा को रोकने के लिए इस तरह के नोट सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च किए गए थे।