नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने सेना के तीनों अंगों (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) में कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतनमान देने का पैसला किया है। नया वेतमान 1 जनवरी 2016 से लागू होगा। जब केन्द्र सरकार ने जून 2016 में सभी सिविलियन कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक 1 जनवरी 2016 से नए वेतनमान लागू करने का फैसला किया था तब सेना के तीनों प्रमुखों ने वेतन आयोग की सिफारिशों पर सैन्य संगठनों द्वारा उठाई गई विसंगतियों को दूर करने तक इसे स्थगित रखने का अनुरोध सरकार से किया था।
आपको बता दें कि सैन्य संगठनों ने नॉन फंक्शनल अपग्रेड, मिलिट्री सर्विस पे, कॉमन पे मैट्रिक्स और विकलांगता भत्ता से संबंधित सिफारिशों पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद तीनों सेना प्रमुखों ने इसके समाधान होने तक नया वेतनमान नहीं लागू करने का अनुरोध सरकार से किया था।
हालांकि, अभी भी सैनिकों के चार विसंगतियों में से सिर्फ एक विकलांगता भत्ता पर ही स्थिति स्पष्ट हो सकी है। बुधवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट किया कि इनमें से तीन मुद्दों को अभी नहीं सुलझाया जा सका है। जबकि उन्होंने बताया कि सैनिकों को आम नागिरकों की तरह ही विकलांगता भत्ता दिया जाएगा।
इससे पहले तीनों सेना प्रमुखों ने सरकार के सामने ये बात उठाई थी कि सेना को विकलांगता भत्ता और पेंशन के तौर पर वेतनमान के प्रतिशत की जगह उन्हें सीधे-सीधे एक फ्लैट स्लैब रेट दिया जाय। छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सैनिकों को परसेन्टेज बेस्ड विकलांगता पेंशन दिया जाता था जिसे मौजूदा कैबिनेट ने बदलते हुए अब एक स्लैब बेस्ड सिस्टम के तहत रिप्लेस कर दिया है। इससे सरकारी खजाने पर करीब 130 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष को बोझ आएगा।
जनवरी 2016 से पहले रिटायर हो चुके सैनिकों को भी सरकार ने फायदे के दायरे में लाया है। अब उनका पेंशन नए कैलकुलेशन के आधार पर बनेगा। इससे करीब 5.5 लाख पेंशनभोगी सैन्य कर्मचारियों को भी फायदा होगा। इससे साल 2016-17 में 5031 करोड़ रुपये का बोझ सरकार पर पड़ेगा। यह रकम इस साल यानी 2017-18 में बढ़कर 85,740 करोड़ रुपये हो जाएगी।