हि दलालों द्वारा एक मोटी रकम ले लिया गयी।
उसके बाद गरीब लभार्थि किसी तरह कर्ज ले या दुकानदारो से उधार ले कर लिंटल लेवल तक का कार्य पूरा कर तो लिया पर साल दो साल बितने के बाद भी द्वितिय किस्त कि राशि अभि तक नही मिल पाई जिससे लाभार्थी ठंड,गर्मी,बरसात मे भी खूले आसमान के निचे जिवन यापन कर रहे हैं। लाभार्थी मुखिया, पंचायत सेवक और प्रखण्ड का चक्कर लगा-लगा कर थक चुके हैं। फिर सरकार द्वारा घोसना कि गई कि बसुधा केन्द्र के माध्यम से फोटोग्राफी करा कर द्वितिय किस्त का भुगतान किया जाएगा। लेकिन पर आज तक वह भी न हो सका।
जब इस सम्बन्ध मे बसुधा केन्द्र संचालको से बात करने पर संचालको ने बताया कि प्रखण्ड से न लाभार्थियो कि सूचि उपलब्ध कराई जा रही है और न हि कोई सहयोग मिल पा रहा है। ऐसे मे लाभर्थी कहाँ जाये उन कि समझ मे नहीं आ रहा है। फिलहाल लाभार्थी खुले आसमान के निचे जिने को विवश है ।