नई दिल्ली : धोखेबाज NRI पतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहीं भारतीय महिलाओं के लिए राहत भरी खबर आई है। केंद्र सरकार के स्तर पर एक बड़ी पहल की गई है। महिला और बाल विकास मंत्रालय, गृह, विदेश और कानून मंत्रालय के अधीन एकीकृत नोडल एजेंसी बनाई गई है, जिसे धोखेबाज NRI पतियों पर शिकंजा कसने के लिए पर्याप्त अधिकार प्रदान कर दिए गए हैं।
बता दें की यह एकीकृत नोडल एजेंसी उन अनिवासी भारतीयों (NRI) को कानून की गिरफ्त में लाने के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी कर सकेगी, जिनके खिलाफ भारत में पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई है। देश में कदम रखते ही या देश से बाहर जाने का प्रयास करते ही उसे दबोचा जा सकेगा ताकि भारतीय कानून के तहत उस पर कार्रवाई संभव हो सके। पहले यह अधिकार केवल इमिग्रेशन विभाग के पास था, जहां तक पीड़िता की गुहार लंबी प्रक्रिया के बाद भी बमुश्किल पहुंच पाती थी।
यह एजेंसी पीड़िताओं की शिकायत और मदद के लिए सिंगल विंडो (एकल खिड़की) का काम भी करेगी। महिला और बाल विकास मंत्रालय पिछले साल से इसे लेकर प्रयास में जुटा था, जिसे अब अमली जामा पहनाया दिया गया है। विदेश, गृह और कानून मंत्रालय के साथ सामंजस्य स्थापित होने पर NRI को भारतीय कानून की गिरफ्त में लेना पहले से अधिक आसान हो जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नोडल एजेंसी की बैठक आगामी 26 अप्रैल को होनी है।
दैनिक जागरण ने देश के सामने रखी थी सचाई
बता दें की दैनिक जागरण ने चार अप्रैल के अंक में देश के अलग-अलग शहरों से ऐसी पीड़िताओं के संघर्ष की कहानी प्रकाशित की थी। ‘धोखेबाज NRI पतियों के खिलाफ छेड़ रखी है जंग’ शीर्षक से ‘जागरण विशेष’ के रूप में प्रमुखता से प्रकाशित इस खबर में अनेक पीड़िताओं के दर्द को बयां किया गया था, जिनका कहना था कि देश में इसे लेकर ठोस प्रावधान और पर्याप्त उपाय न होने के कारण उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है।
पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद मामला स्थानीय अदालत तक पहुंचता है। NRI पति न तो नोटिस का जवाब देता है और ना ही कभी अदालत में उपस्थित होता है। इस बीच, दूसरी शादी भी कर लेता है। पीड़िताओं ने सरकार से ठोस उपाय करने के लिए गुहार लगाई थी।
इस खबर में पटना की ऐसी ही एक पीड़िता सुजाता का भी जिक्र किया गया था, जिन्होंने न्याय के लिए सोशल मीडिया पर देशव्यापी मुहिम शुरू की है, जिसमें देश भर से अनेक पीड़िताएं जुड़ रही हैं।