बिते दिनों अजीत पुणे जिले के इंदपुर तहसील के दूर के एक गांव में जनसभा को संबोंधित कर रहे थे। उन्होंने जनसभा में मुंबई के आजाद मैदान में एक सूखा पीडि़त किसान के अनशन करने का मजाक उड़ाया। पवार ने अनशनकारी किसान के संदर्भ में कहा कि वह पिछले 55 दिनों से अनशन पर है यदि डैम में पानी नहीं है तो हम किस तरह पानी छोड़ें? क्या हमें उसमें पेशाब करना चाहिए? यदि पीने के लिए पानी नहीं है तो पेशाब होना भी तो संभव नहीं है।
वहीं अभी उनकी एक बात लोगों को हजम नहीं हुई कि फिर एक और मजाक कर उन्होंने लोगों के गुस्से के और बढ़ा दिया। राज्य में बिजली कटौती पर मजाक में उन्होंने कहा, मैंने गौर किया है कि जब से रात में बत्तियां गुल हो रही हैं बच्चे अधिक पैदा हो रहे हैं। तब करने को और कोई काम नहीं रह जाता। शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और भाजपा नेता विनोद तावड़े ने पवार की इन टिप्पणियों की बहुत निंदा की है। दोनों नेताओं ने इसे राज्य की सूखाग्रस्त आबादी के साथ क्रूर और घटिया मजाक बताया है। नई दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने इस टिप्पणी पर कहा कि उन्हें लगता हैं कि अंजीत पवार अपना संतुलन खो बैठे हैं। राकांपा प्रमुख को इस सच्चाई की ओर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि इस तरह लोगों की गंभीर समस्या का मजाक उड़या जाना जनता की भावनाओं के साथ खेलने के समान है।