नई दिल्ली : कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई आधार कार्ड योजना के पक्ष में मोदी सरकार एक बार फिर आ गई है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर केंद्र सरकार की ओर से आधार कार्ड पर साफ कहा गया कि इस योजना को वापस लेना मुश्किल है। सरकार ने कहा कि 120 करोड़ लोगों में 80 करोड़ लोगों के आधार कार्ड बन चुके हैं।
कोर्ट में मोदी सरकार की ओर से बताया गया कि इस योजना में अब तक 5000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। सरकार ने कहा कि इस योजना के जरिये सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचा रही है। कई मदों की सब्सिडी इसी के माध्यम से लोगों को दी जा रही है। कोर्ट में भारत के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले की सुनवाई कम से कम पांच जजों की संविधान पीठ को करना चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सरकार से उनकी राय फिर मांगी है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में आधार की अनिवार्यता के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट उस आदेश को वापस ले जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि किसी भी सरकारी योजना के लिए आधार की अनिवार्यता नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से याचिका दायर कर कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के कारण डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) प्रोग्राम को कारगर तरीके से लागू करने में दिक्कत हो रही है।