कोलकाता : बंगाल में राजभवन और ममता सरकार के बीच टकराव थमता नहीं दिख रहा है। अब राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चलाए गए विज्ञापन अभियान पर खर्च किए गए सरकारी फंड का ब्योरा मांगा है। धनखड़ पहले ही इसे जनता के पैसों का दुरुपयोग करार दे चुके हैं। उन्होंने इस विज्ञापन अभियान को मंजूरी देने वाले अधिकारियों के बारे में भी जानकारी मांगी है। सूत्रों ने शनिवार को उक्त मामले में जानकारी देते हुए बताया कि राजभवन से राज्य सरकार के सूचना एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सीएए विरोधी विज्ञापनों पर किए गए खर्च का हिसाब मांगा गया है।
जानिये, क्या था विज्ञापनों में ?
कुछ बांग्ला समाचार चैनलों व मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखाए गए बंगाल सरकार के विज्ञापनों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य के शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करते दिखाया गया था। बैठक में ममता कह रही थीं कि वे एनआरसी और सीएए को बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। विज्ञापन में वे लोगों को आश्वस्त करते हुए कह रही थीं कि केंद्र सरकार सीएए लेकर आई है। वे बंगाल में इसे लागू नहीं होने देंगी। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की थी।