भारत में बढ़ता जा रहा है “तंबाकू का सेवन”

जनरल अग्रीमेंट ऑन ट्रेड इन सर्विसेज केअनुसार हिंदुस्तान में 27 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं । 16वीं शताब्दी में अकबर के शासन में पुर्तगाल से पहली बार तंबाकू भारत आया था। जहांगीर के शासन में तंबाकू को नियंत्रित करने भारी कर लगवाया, लेकिन आज तक भारत में तंबाकू को नियंत्रित नहीं किया जा सका । तंबाकू के कारण भारत में प्रतिवर्ष 12से 13 लाख लोग मृत्यु के मुँह में चले जाते हैं । भारत में महिला और पुरुष दोनों कम उम्र में ही तंबाकू की तल में पड़ जा रहे हैं । पुरुषों में नवयुवकों की जनसंख्या रोज बढ़ती जा रही हैं। तंबाकू सेवन करने की औसत आयु 16 वर्ष है।

तंबाकू से बहुत तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा हैं जिसमें कैंसर प्रमुख रूप से खतरनाक बीमारियों में है तंबाकू से 40 तरह के कैंसर होने का खतरा बढ़ा है। जैसे मुँह का कैंसर , गले का कैंसर ,पेट का कैंसर , ब्रेन ट्यूमर, प्रोटेस्ट का कैंसर आदि। इसके साथ ही इससे अनेक बीमारिया हो रही है। तंबाकू से निर्मित उत्पादों के उपयोग ने न केवल व्यक्तिगत, शारिरिक और बौद्धिक नुकसान हो रहा हैं । समाज और परिवार पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है । जिससे समाजिक ,आर्थिक दुष्प्रभाव बढ़ रहा है
तंबाकू ने भारत के नवजवानों को अपने गिरफ्त में लिया है, लेकिन इसे रोकने में सरकार नाकाम रही है। तंबाकू सेवन को रोकने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए ।
निराशा की बात यह हैं कि तंबाकू व्यवसाय में भारत सबसे आगे हैं विश्व में तंबाकू के सेवन और उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। तंबाकू के बढ़ते दुष्प्रभाव को देखते हुए तंबाकू उत्पाद पर रोकथाम बेहद जरूरी है। तंबाकू भारत पर एक अभिशाप बन कर उभर रहा है क्योंकि तंबाकू से होने वाली बीमारिया लाखों घरों को रोज बर्बाद कर रही है ।