हाथरस हादसे पर समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा, “यह बहुत दर्दनाक है. जिन परिवारों के सदस्यों की जान गई है उन्हें दुख सहने की शक्ति मिले. जो हादसा हुआ है यह सरकार की लापरवाही है. ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी न हो. जब कभी भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं तो बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं. इस लापरवाही से जो जानें गईं है उसकी जिम्मेदार सरकार है. कोई अगर अस्पताल पहुंच भी गया तो उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया. ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया. इसकी जिम्मेदार भाजपा है जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं. क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि किसी आपातकाल स्थिति में आप लोगों का इलाज न कर पाएं?”
सत्संग और आयोजनों के लिए बनाये जाएँ कड़े नियम और कानून
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग की है कि जो कल हादसा हुआ है उसको ध्यान में रखते हुए ऐसे सत्संग और आयोजनों को लेकर कड़े नियम और कानून बनाए जाने की जरूरत है.
SDM की रिपोर्ट
SDM की रिपोर्ट में कई बड़ी बातों का खुलासा हुआ है, यह रिपोर्ट डीएम को दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दो लाख से अधिक भीड़ थी. बाबा सत्संग के बाद बाहर निकला तो पब्लिक दौड़ी थी. बाबा के चरण रज की धूल उठाने के चक्कर में भगदड़ मची थी. बाबा की व्यक्तिगत आर्मी और श्रद्धालुओं के बीच धक्का-मुक्की हुई. जब लोग वहां से भागे तो दल-दल और ऊंची नीची जमीन पर फिसल कर गिरे और भगदड़ हुई.
भगदड़ वाली जगह पर पहुंची फोरेंसिक टीम
राहत विभाग की ओर से दी गई सूची के अनुसार, अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है और 28 लोग घायल हैं. सभी घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. मृतकों में सबसे ज्यादा लगभग (112) महिलाएं शामिल हैं. हाथरस भगदड़ स्थल की जांच के लिए फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई है.