गुप्तकाशी में स्थानीय लोगों ने जब राहुल से मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के वहां न पहुंचने की शिकायत कीए तो राहुल उनका बचाव करते भी दिखे। राहुल ने कहा कि मुख्यमंत्री के आने से सुरक्षा इंतजामों से लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने अपने बारे में सफाई देते हुए कहा कि यही वजह है कि वह भी शुरुआती दो-तीन दिन यहां नहीं आए।
शुरूआती कुप्रबंधन के आरोपों से जूझ रही केंद्र व उत्तराखंड सरकार ने अब दूसरे राज्यों के सीधे राहत व बचाव में लगने पर रोक लगा दी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी राहत व बचाव कार्य अब उत्तराखंड सरकार की देख रेख में ही हो सकेगा। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि राज्यों को अब सहायता सीधे उत्तराखंड सरकार को देनी होगी और वही उसका उचित प्रयोग करेगी।
केंद्र व उत्तराखंड सरकार के ताजा सामने आये फैसले को सीधे तौर पर नरेंद्र मोदी से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में फंसे गुजरातियों को वापस लाने के लिए राज्य की ओर हेलिकॉप्टर व विमान की व्यवस्था कर श्रेय लूटने की कोशिश की थी। जाहिर है कि राहत व बचाव कार्य में कुप्रबंधन का आरोप झेल रही कांग्रेस की केंद्र व राज्य सरकार को यह कतई पसंद नहीं आया। इसी कारण राहत व बचाव का सारा काम उत्तराखंड सरकार के माध्यम से कराने का फैसला लिया गया।
पिछले दिनों उत्तराखंड की सरकार और देश के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को हवाई सर्वे तक सीमित रखा था। शिंदे ने मुख्यमंत्री बहुगुणा को छोड़कर किसी भी VIP को आपदा प्रभावित इलाकों में न जाने की सलाह दी थी। उन्होंने मोदी का नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्होंने यह कहा था कि किसी मुख्यमंत्री को तो छोड़िए देश के गृहमंत्री को भी प्रभावित क्षेत्रों में लैंड करने की इजाजत नहीं है। VIP दौरे से पुलिस उनकी सुरक्षा के तामझाम में लग जाएगी और राहत व बचाव कार्य प्रभावित होगा।
अब ऐसे में यहाँ सवाल यह उठाये जा रहे हैं कि राहुल गांधी कौन से पर्यटन पर निकले हैं? क्या SPG सुरक्षा प्राप्त राहुल के प्रभावित क्षेत्रों के दौरे से राहत और बचाव कार्य प्रभावित नहीं हो रहे हैं? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि वह उत्तराखंड बतौर कांग्रेस उपाध्यक्ष गए हैं न कि VIP की हैसियत से।
अब यह बात तो शायद ही किसी हजम होगी कि SPG सुरक्षा प्राप्त राहुल गांधी के दौरे से राहत कार्य प्रभावित नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक SPG सुरक्षा मानकों के अनुरूप राहुल गांधी की सुरक्षा काफिले में SPG के जवानों से भरी कम से कम 7 गाड़ियां होती हैं। इसके अलावा लोकल पुलिस भी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल होती है।
राहुल से सम्बंधित सवालों को लेकर जब न्यूज चैनलों ने सुशील कुमार शिंदे को घेरा तब पहले तो वह इन सवालों से बचते दिखेए लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि दौरे न करने की सलाह केवल शुरुआती तीन-चार दिनों के लिए थी, उत्तराखंड में अब हालात बदल गए हैं। उनके मुताबिकए राहुल के दौरे से राहत और बचाव कार्य में कोई बाधा नहीं आएगी।
सवाल ये है कि क्या नियम राहुल गांधी के लिए नहीं है? अब तो आपदा पर इस सियासत को देखर ऐसा लगता है कि ये सियासतदार राहत कार्यों के बहाने ष्मैं महान तो मैं महानष् कह कह करए उत्तराखंड में बिछी लाशों पर तांडव कर रहे हैं। इन्हें देख कर तो ऐसा लगता है जैसे ये ऐसे मोके कि तलाश कर रहे थे।