हाइपरटेंशन एक ऐसा रोग है, जो दिल की सेहत का दुश्मन है। जब कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडपे्रशर) से ग्रस्त होता है, तोइस स्थिति को हाईपरटेंशन और सहज भाषा में हाई ब्लडप्रेशर भी कह सकते हैं। यहां आपके दिमाग में यह सवाल उठेगा कि यह हाईब्लडप्रेशर आखिर क्या बला है?
इस क्रम विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि जब किसी व्यक्ति का ब्लडप्रेशर कई दिनों तक 140/90 से अधिक होता है, तो उस व्यक्ति को हाईपरटेंशन से ग्रस्त माना जाता है। आम तौर पर किसी किसी स्वस्थ व्यक्ति का ब्लडप्रेशर सामान्य सहज अवस्था में 120/80 होना चाहिए। यहां पर 120 का अंक ऊपर का ब्लडप्रेशर है, जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में सिस्टोलिक और नीचे के ब्लड प्रेशर (यहां 80) को डाइरूटोलिक ब्लडप्रेशर कहा जाता है।
रोग के कारणः
विशेषज्ञों के अनुसार कुछ ऐसे कारण है, जो आपके दिल को दुरूस्त नहीं रहने देते। जैसे आपाधापी भरी जीवन-शैली, कार्यक्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल, मानसिक तनाव, शराब की तल और अस्वास्थ्यकर आहार दिल के शत्रु है। चिंताजनक बात यह है कि अब तो हाईपरटेंशन युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में लेने लगा है। आज के समय में हाईब्लडप्रेशर एक सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या है, जो अब युवकों को भी अपना शिकार बना रही है।
कई ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जब काम के दबाव के कारण नवयुवक हाई ब्लडप्रेशर के कारण मस्तिष्क आघात (स्ट्रोक) के भी शिकार हुए हैं। यह सिलसिला जारी है। आज के युवक टीवी सेट्स के कार्यक्रमों व कंप्यूटर इंटरनेट से ’चिपके’ रहते हैं। इस कारण उनके पास व्यायामक रने के लिए वक्त नहीं है।
रोग का उपचारः
हाइपरटेंशन कोई ऐसा रोग नहीं हैं, जिसे दुरूस्त न किया जा सके। नियमित व्यायाम, खानपान में हरी सब्जियों को व फलों को वरीयता देकर और चिकनाईयुक्त खाद्य पदार्थों के जरिये हर व्यक्ति को 5 ग्राम से कम मात्रा में नमक का सेवन करना चाहिए। अगर ब्लड प्रेशर बढ़ा है, तो डॉक्टर के परामर्श से दवा लें और किसी भी तरह के नशे से दूर रहें।