नई दिल्ली : महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु में बाढ़ से हालत गंभीर बने हुए हैं। भारी बारिश, तेज हवाओं और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है और गुरुवार को वर्षा जनित हादसों में 80 लोगों की मौत होने की खबरे हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और केरल में अगले दो दिन में भीषण बारिश होने का अनुमान है।
केरल में वायनाड के पुटुमाला इलाके में गुरुवार शाम को आए भूस्खलन के चलते मलबे के निचे दब जाने और पानी के तेज बहाव में बहा जाने से करीब 25 लोगों की मौत हो गई। केरल में बारिश की वजह से अब तक 42 लोगों की मौत हो गई।
भारी बारिश की वजह से कल्लाप्पादम मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है जिसके कारण हज़ारो लोग दुर्गम परिस्थितियों में फंस गए है। भूस्खलन इतना भीषण था कि उसमे एक चर्च तथा मंदिर भी बह गए।
इस बीच कोच्चि में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पार्किंग क्षेत्र में बाढ़ का पानी भरने के बाद उड़ानों का परिचालन शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सांगली और कोल्हापुर में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए हवाई सर्वेक्षण किया। क्षेत्र में भारी वर्षा के बाद ये सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं जहां कृष्णा और पंचगंगा नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फडणवीस से बात की और बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। एक अधिकारी ने बताया कि सांगली में राहत एवं बचाव कार्य में लगी एक नौका के पलट जाने से नौ लोग डूब गए और चार लापता हैं। महाराष्ट्र में भारी बारिश से अब तक 27 लोग मारे जा चुके हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सूत्रों ने कहा कि यह अलर्ट इडुकी, मलप्पुरम, कोझीकोड और वायनाड में जारी किया गया है। राज्य की अधिकांश नदियों और बांधों में जलस्तर बढ़ रहा है और कन्नूर, वायनाड, इडुकी, मलप्पुरम, कोझीकोड और कासरगोड में बाढ़ जैसे हालात हैं।