नई दिल्ली : वर्ष 1999-2000 के हरियाणा में हुए जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में रोहिणी कोर्ट द्वारा दोषियों को सुनाई गई सजा को बरकरार रखते हुए उन्हें कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पूर्व सीएम ओपी चौटाला, उनके विधायक पुत्र अजय चौटाला, चौटाला के पूर्व राजनीतिक सलाहकार शेर सिह बड़शामी और आईएएस अधिकारी विद्या धर और संजीव कुमार की सजा में कोई कमी नहीं की जाएगी। सभी को तिहाड़ में सरेंडर करने के आदेश भी दिए गए हैं।
हालांकि न्यायालय ने मामले में अन्य दोषियों की सजा को घटाकर दो साल कर दिया। कोर्ट ने आदेश दिए कि जो दोषी मामले में दो साल जेल की सजा काट चुके हैं, उन्हें रिहा कर दिया जाए।
चौटाला के वकील अमित साहनी ने कहा कि कोर्ट ने ओपी चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला की सजा को बरकरार रखा है। वे हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उधर अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में ओमप्रकाश चौटाला और अजय चौटाला की सजा में कोई कमी नहीं की है।
गौरतलब है कि मामले में 22 जनवरी, 2013 को रोहिणी कोर्ट स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला और पूर्व आइएएस अधिकारी संजीव कुमार सहित दस लोगों को दस-दस साल कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही अन्य अभियुक्त पुष्करमल वर्मा को पांच साल कैद व 44 अन्य को चार-चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी। सभी ने सजा को हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी हुई है। मामले में सभी पर चयनित उम्मीदवारों की सूची में हेरफेर करने का आरोप है।