नई दिल्ली: रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीत देश का मान बढ़ाने वाली बैडमिंटन सनसनी पीवी सिंधु ने बड़ा कमाल कर दिया। सिंधु ने चाइना ओपन के फाइनल में चीन की सुन यू को हराकर खिताब अपने नाम किया।
पहला सुपर सीरीज प्रीमियर खिताब जीतकर उत्साहित सिंधु ने कहा,‘सुपर सीरीज जीतना मेरा बहुत पुराना सपना था। ओलिंपिक के बाद सभी मुझसे पूछ रहे थे कि अब क्या। मेरे लिए सुपर सीरीज खिताब जीतना अहम था। ओलंपिक के बाद जिंदगी बहुत बदल गई है। लोगों को लगा कि मुझे वापसी में बहुत समय लगेगा लेकिन मैने काफी मेहनत की थी।
आपको बता दें कि तीन गेम तक चले मुकाबले में सिंधु ने सुन यू को 21-11, 17-21 और 21-11 से हराया।
इस फाइनल मुकाबले का पहला गेम पीवी सिंधु आसानी से जीत गई। उन्होंने आठवीं वरीय चीन की सुन यू को 17 मिनट में ही 21-11 से गेम जीत लिया। दूसरे गेम में सिंधु को कड़ी टक्कर मिली। यू ने वापसी की। 17-21 से दूसरा गेम अपने नाम कर लिया। लेकिन तीसरे और निर्णायक गेम में सिंधु ने एक बार फिर लय पकड़ ली और सुन यू को एक बार फिर 21-11 से धूल चटा दी।
ओलिंपिक के बाद ये सिंधु का दूसरे टूर्नामेंट था। आपको बता दें कि चाइना ओपन में अब तक 25 में से 23 बार चीनी खिलाड़ियों ने ही खिताब पर कब्जा किया था। सिंधु से पहले अब तक भारत की साइना नेहवाल और मलेशिया की मी चुंग वॉन्ग ही ऐसी गैर-चीनी खिलाड़ी रही हैं, जिन्होंने यह खिताब जीता था। साथ ही चाइना ओपन के फाइनल में लगातार तीसरी बार फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय शटलर भी बनी।
सबसे पहले 2014 में साइना नेहवाल ने यह टूर्नामेंट जीता था। 2015 में साइना फाइलन हारकर रनर अप रहीं थीं। अब 2016 में पीवी सिंधु ने चाइना ओपन जीत इतिहास रचा और दूसरी भारतीय खिलाड़ी, तीसरी गैर चीनी खिलाड़ी बनी।