कोलकाता : कई मुद्दों पर राजनीतिक उठापटक के बाद केंद्र की मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में अब कोरोना वायरस पर भी ठन गई है। केंद्र सरकार ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार कोरोना वायरस को लेकर स्थिति का आकलन करने गई केंद्रीय टीम का सहयोग नहीं कर रही है। जबकि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल में टीम में रोका जा रहा है। वहीं, त्रृणमूल कांग्रेस ने मोदी सरकार के फैसले को केंद्रीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए पूछा कि टीमों को यूपी और गुजरात क्यों नहीं भेजा।
केंद्र सरकार ने सोमवार को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए 6 अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि कोविड-19 को लेकर मुंबई, पुणे, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य स्थानों पर हालात ”विशेष रूप से गंभीर हैं और लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस का संक्रमण और फैलने का खतरा है।
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा, ‘राज्य राज्यों में केंद्रीय टीमों को तैनात किया गया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में राज्य सरकारों का पूरा सहयोग मिल रहा है। लेकिन गृहमंत्रालय को बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में जो टीमें कोलकाता और जलपाईगुड़ी गई हैं उन्हें राज्य सरकार और प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्हें क्षेत्रों में जाने से रोका जा रहा है, स्वास्थ्य कर्मियों से बात नहीं करने दिया जा रहा है। उन्हें जमीनी स्थिति का आंकलन नहीं करने दिया जा रहा है।’