नई दिल्ली: ACB में बाहरी अफसरों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं। इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एलजी नजीब जंग से मुलाकात की। खबरों के मुताबिक ये मुलाकात तकरीबन दस मिनट तक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय भी एलजी के समर्थन में खड़ा हुआ है। इसका कहना है कि ACB एलजी के अधिकार के क्षेत्र में आता है। इस बीच गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने आइएएस अधिकारी अरुण बरोका को कार्यमुक्त कर दिया है।
दरअसल, ACB मामले में आम आदमी पार्टी ने मंगलवार दोपहर को प्रेस कांफ्रेंस की। कांफ्रेंस में पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एसीबी को मजबूत नहीं होने दे रही है। ‘आप’ नेता आशुतोष ने कहा, ‘एलजी के पद का मजाक होने से बचाया जाए। ACB से केंद्र सरकार डर गई है और बौखलाहट में ये सब कर रही है। संजय सिंह ने कहा, ‘बीजेपी को जानकारी का अभाव है। राज्यों में दूसरे राज्यों के अधिकारी जाते हैं। बिहार पुलिस के पांच कर्मी दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में शामिल हो गए और इस कदम से केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच विवाद और बढ़ गया है।
याद रहे कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों का रुख किया था। यहां तक कि ACB के अधिकार क्षेत्र का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। इसके अलावा भ्रष्टाचार निरोधक डिपार्टमेंट ने कथित रिश्वत लेने के आरोप में हाल ही में दिल्ली पुलिस के कुछ कर्मियों को गिरफ्तार किया, जिससे दोनों के बीच तनाव पैदा हो गया।
ये नियुक्तियां एलजी को बिना जानकारी दिए की गईं। वहीं, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली सरकार के पास एसीबी में नियुक्तिीयों का अधिकार है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिहार पुलिस के तीन निरीक्षक और दो उपनिरीक्षक दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में शामिल हुए हैं। दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में मानव संसाधन की कमी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में दिल्ली सरकार ने एक अनुरोध किया था जिसके बाद पांच अधिकारियों को भेजा गया।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल की ओर से एसीबी अफसरों की नियुक्ति को गलत ठहराने पर केंद्र सरकार पर पलटवार किया है। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार के पास ACB में अफसरों की नियुक्ति का अधिकार है। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी चीजों को मजाक बना दिया है। कभी वे एलजी से कहलवाती है कि अफसर उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं तो कभी कहते हैं कि ACB उनके अधिकार में आते हैं।
उधर इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने चुप्पी साध ली है। जब उनसे अफसरों की नियुक्ति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
बता दें कि दिल्ली सरकार और केन्द्र के बीच पहले से ही अपने-अपने कार्यक्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है और एलजी के अधिकारों को लेकर गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इससे पहले बिहार पुलिस ने हाल ही में बताया था कि उसने अपने छह अफसरों को रिलीज किया है। सभी अफसर एसीबी दिल्ली ज्वाइन करेंगे। इनमें एक डीएसपी और पांच इंस्पेक्टरव सब इंस्पेक्टर रैंक के अफसर हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से तीन अफसरों ने ड्यूटी ज्वाइन कर ली है।
एक बड़ा तथ्य यह भी है कि नियुक्तियों को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद भी हुआ है।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा है कि इस तरह के कदम के लिए पहले उनसे मंजूरी लेना जरूरी होगा। आप सरकार की ओर से अनुरोध किए जाने के बाद बिहार पुलिस के तीन निरीक्षक और दो उप निरीक्षक दिल्ली सरकार के ACB में शामिल हो गए हैं। ये नियुक्तियां ऐसे समय पर हुई हैं जब केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच पहले ही अधिकारक्षेत्र को लेकर तीखी जंग जारी है।
इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए उपराज्यपाल के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) दिल्ली उपराज्यपाल के नियंत्रण और देखरेख में काम करता है। इस स्थिति को गृह मंत्रालय द्वारा भी स्पष्ट कर दिया गया है। बयान में यह भी कहा गया कि उपराज्यपाल को अभी तक दिल्ली पुलिस के बाहर से बिहार पुलिसकर्मियों की नियुक्ति से जुड़ा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
वहीँ राजनिवास की ओर से नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं जबकि सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए फैसले को सही ठहराया गया है।