नई दिल्ली : डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सबसे बड़ी राजदार हनीप्रीत को पंचकूला कोर्ट से झटका लगा है। हरियाणा की पंचकूला सेशन कोर्ट ने हनीप्रीत की की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इस मामले में सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला 7 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। पेशी के दौरान हनीप्रीत ने कोर्ट में महिला होने की दलील भी दी थी।
हनीप्रीत ने कोर्ट में कहा था कि वो एक महिला है और 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में जब हिंसा हो रही थी, तब वह डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ थी। डेरा प्रमुख को सजा होने के बाद वो पंचकूला से सीधा सुनारिया जेल, रोहतक चली गई थी. उसने जज के सामने कहा कि हिंसा में उसका कहीं कोई रोल नहीं है।
पंचकूला कोर्ट में हनीप्रीत ने ये सारी दलीलें अपनी जमानत याचिका में कही हैं। उसके वकील ने जमानत याचिका में बहस करते हुए दलील दी थी कि हनीप्रीत को जबरन मामले में फंसाया जा रहा है। जबकि हनीप्रीत से पुलिस ने कोई रिकवरी नहीं की है, ना ही कोई ऐसा सामान रिकवर हुआ, जो हिंसा के लिए प्रयोग किया गया।
वहीं पंचकूला पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि हनीप्रीत इस हिंसा और देशद्रोह की मुख्य षड्यंत्रकर्ता है। इस घटना में बड़े स्तर पर जनता का नुकसान हुआ है। 40 लोगों की हत्याएं हुई हैं, जो कि इनके षड्यंत्र की वजह से हुई हैं। इस बात का विरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकील ने हनीप्रीत की जमानत की मांग की थी।