पटना : यह मामला है हाजीपुर सदर अस्पताल जिसने अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी है। बताया जाता है कि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती एक मरीज को वॉर्ड ब्वॉय ने कचरे के ढ़ेर पर फेंक दिया। अब अस्पताल प्रबंधन ने घटना की जांच की बात कही है। उधर, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सुशासन पर सवाल खड़े किए हैं।
सूत्रों से मिले जानकारी के मुताबिक आग से झुलसे एक अज्ञात युवक को लालगंज रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से डॉक्टरों ने उसे हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन, अस्पताल में बेहतर इलाज के बदले उसे कचरे पर मरने के लिए फिंकवा दिया गया।
घायल युवक को ठंड में कचरे की ढ़ेर में तड़पते देख किसी ने उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल दी। तस्वीर देखते-देखते वायरल हो गई। इसके बाद होश में आए अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में मरीज को दुबारा इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया।
हाजीपुर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. कामेश्वर मंडल के अनुसार मामले की जांच की जा रही है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन जांच में क्या होगा, इसका अंदाजा उपाधीक्षक के ही बयान से लग जाता है। वे कहते हैं कि वार्ड की सफाई के दौरान मरीज को धूप में बैठाया गया था, जहां से वह कचरे के ढ़ेर पर जाकर बेहोश हो गया। एक तरफ जांच की बात तो दूसरी तरफ घटना को लेकर जांच के पहले ही निष्कर्ष देने के कारण सवाल खड़े हो गए हैं।
घटना पर गरमाई राजनीति
घटना को लेकर राजनीति भी गरमाती दिख रही है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर सवाल किया हैकि बिहार में कौन सा राज है? इतनी भी बर्फ़ नहीं गिर रही कि (घटना पर) आपकी जुबान ही जम जाए।