आई स्टैंड विथ जेसी : ब्रेस्ट केंसर से जूझती महिला कि दास्ताँ

मुंबई : ये कहानी है जेसी कौर की, जो अमेरिका अपने तीन छोटे बच्चो के साथ ब्रेस्ट कैंसर से अकेली जूझ रही है। उसका पति उसे छोड़ के जा चूका है और मेडिकल इन्स्युरेंस के पैसे कागजों की बारीकियो में अटक के रह गए है।

जेसी की ये कहानी अनकही रह जाती अगर उस पर रवजोत महक सिंह कि नजर न पड़ती रवजोत न्यूयार्क फिल्म एकेडमी कि पास आउट 21 साल कि फिल्म डायरेक्टर है। जब वो जेसी से मिली तो उन्हें लगा ये कहानी लोगो के पास जरुर पहुचनी चाहिए। और उन्होंने जेसी कि समस्या पर एक डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाने कि सोची।

आज इस फिल्म कि तारीफ पुरे अमेरिका में हो रही है। लोगो में ब्रेस्ट कैंसर से अकेली जूझती एक माँ और उसके साथ हो रही सिस्टम की अनदेखी की ये कहानी देख के जेसी के साथ जुड़ रहे है और इस कैम्पेन का नाम है ‘I STAND WITH JESSY ‘ रवजोत कहती है कि इस फिल्म को बनाने से पहले उनके दिमाग में ये बात थी की जेसी अकेली ऐसी औरत नहीं है जो इन हालातो से जूझ रही है।

पुरे अमेरिका में या यु कहे पुरे दुनिया में ऐसी बहुत सी जेसी है। तो सब से बड़ा चैलेन्ज ये था कि वो कैसे एक कहानी में उन सब औरतो कि बात कह सके। जो जेसी जैसी हालत में है और किसी रवजोत महक सिंह का इंतज़ार कर रही है।

रवजोत ने फिल्म अकेडमी से मिले पुरे ज्ञान को उड़ेलते हुए जेसी और उसके दर्द पर एक डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाई फिल्म बनाते समय रवजोत को हमेशा एक डर लगा करता था .अगर लोगो ने इसे पसंद न किया तो न सिर्फ उनके एक डायरेक्टर बनने के सपने को चोट लगेगी बल्कि जेसी के एक बेहतर कल उम्मीदों को भी झटका लगेगा।

लेकिन जब ये डॉक्युमेंट्री फिल्म यु ट्यूब पर आई तो देखते ही देखते इस पर ढाई लाख से ज्यादा व्यू मिले और सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हुई इस फिल्म ने ब्रेस्ट कैंसर और मेडिकल इन्युरेंस के मुद्दे पर एक नई बहस छेड़ दी।

रवजोत की इस कोशिश की जी भर के तारीफ की गई। जेसी को उम्मीद है की इस फिल्म के बाद उसकी और उस जैसी बहुत से औरतो कि जिंदगी में सुधार आएगा। रवजोत इन दिनों बहुत रिलैक्स महसूस कर रही है और उनकी आँखों में आने वाले कल के चमकीले ख्वाब है।