नई दिल्ली: 1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका अब केंद्र सरकार में तैनात होंगे। खेमका कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जमीन सौदों पर सवाल उठाने के बाद चर्चा में आए थे। अशोक खेमका ने आज कहा कि उन्होंने केंद्र में प्रतिनियुक्ति के लिए अनुरोध किया है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने अशोक खेमका के नाम की सिफारिश की, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय ने मान लिया।
हालांकि खेमका के अनुरोध के बारे में पूछे जाने पर कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे। नियुक्ति प्रशासन की स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा होती है। इसमें इरादों को जोड़ना उचित नहीं है। खेमका फिलहाल हरियाणा सरकार में अभिलेख विभाग में सचिव पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने तीन महीने पहले केंद्र में प्रतिनियुक्ति की मांग की थी।
खेमका ने बताया, ‘मैंने मार्च में केंद्र में प्रतिनियुक्ति के लिए कहा था।’ अधिकारी के मुताबिक उन्हें अपने अनुरोध की मौजूदा स्थिति की जानकारी नहीं है जिसे राज्य सरकार ने हाल ही में केंद्र को भेजा था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा और डीएलएफ के बीच जमीन सौदों में कथित अनियमितताओं के मामले में जांच शुरू करने वाले हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी ने कहा, ‘मैं किसी भी मंत्रालय या विभाग के लिए तैयार हूं।
अशोक खेमका के खिलाफ हाल ही में हरियाणा सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। हरियाणा के मुख्यामंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत के बाद खेमका के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। आरटीआई कार्यकर्ता ने खेमका पर गोदामों के लिए गालवॉल्यूिम सीट खरीद में भ्रष्टाेचार का आरोप लगाया था। इसके अलावा उनके खिलाफ हरियाणा सरकार वाड्रा-डीएलएफ सौदे को रद्द करने को लेकर चार्जशीट भी लेकर आई। उन पर आरोप लगाया गया कि डीएलएफ और रॉबर्ट वाड्रा के बीच हुए डीएलएफ सौदे को रद्द करवाने के लिए खेमका अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर गए।
अक्तूबर, 2012 में गुड़गांव में डीएलएफ के साथ वाड्रा के जमीन सौदे का म्यूटेशन निरस्त कर सुखिर्यों में आए खेमका ने हरियाणा सरकार पर उन्हें प्रताडित करने का आरोप लगाया था। राज्य सरकार ने 2013 में खेमका के खिलाफ गलत तरह से सौदे का म्यूटेशन निरस्त करने के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था।