लखनऊ :अगर कोई प्रधान या सदस्य शपथ लेने और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करता है या अन्य प्रकार से उसे अस्वीकृत करता है तो यह समझा जाएगा कि उसने तत्काल अपना पद रिक्त कर दिया है। पंचायती राज अधिकारियों ने इस संबंध में सोमवार को निर्देश सभी जिलों को भेज दिए हैं। प्रदेश में हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्यों का आनलाइन शपथ ग्रहण मंगलवार 25 मई से शुरू होकर 26 मई तक चलेगा। सभी जिलों के जिलाधिकारियों की देखरेख में जिला पंचायत राज अधिकारियों ने इस आनलाइन शपथ ग्रहण की तैयारी पूरी कर ली थी।
पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी करते हुए कहा है कि संयुक्त प्रांत पंचायतीराज अधिनियम-1947 की धारा 12 ड. (2) में यह स्पष्ट प्रावधान है कि अगर कोई प्रधान या सदस्य शपथ लेने और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करता है या अन्य प्रकार से उसे अस्वीकृत करता है तो यह समझा जाएगा कि उसने तत्काल अपना पद रिक्त कर दिया है।
शपथ ग्रहण के बाद हस्ताक्षर युक्त शपथ पत्रों की जांच कर के ग्राम प्रधानों के शपथ पत्र जिला पंचायत राज अधिकारी के पास और ग्राम पंचायत सदस्यों के शपथ पत्र खण्ड विकास अधिकारी के पास सुरक्षित रखने के लिए सौंप दिए जाएंगे। इस आनलाइन शपथग्रहण के लिए प्रत्येक जिले के हर ब्लाक को कमाण्ड सेण्टर बनाया गया है, जहां खण्ड विकास अधिकारी इस आनलाइन शपथग्रहण की निगरानी करेंगे। नव निर्वाचित ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पंचायत भवन या सामुदायिक केन्द्र में एकत्रित होंगे। जहां पंचायत सचिव इण्टरनेट कनेक्टिविटी वाले लैपटाप के साथ मौजूद रहेंगे।
प्रत्येक ब्लाक की कुल पंचायतों को एक निर्धारित संख्या में विभाजित कर दिया गया है और उन्हें पंचायत भवन में आनलाइन शपथ ग्रहण के लिए समय आवंटित कर दिया गया है। दो-दो घण्टे के इस टाईम स्लाट में एक साथ कई ग्राम पंचायतों के नवनिर्वचित प्रतिनिधि पंचायत सचिव की मौजूदगी में आनलाइन शपथ ग्रहण करेंगे। शपथ ग्रहण करने के बाद यह प्रतिनिधि पहले से मुद्रित करवाये शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे, अपना पूरा नाम लिखेंगे, स्थान का नाम लिखेंगे और तारीख अंकित करेंगे।