अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक संस्थान के डिप्टीष डायरेक्टर एससी श्रीवास्तव के नेतृत्व में आईआईटी की एक टीम ने इसे असेंबल किया। कंप्यूटर सेंटर के प्रमुख आशीष दत्ता ने इसमें मदद की। उन्होंने बताया कि यह कंप्यूटर नियमित शिक्षा, शोध और प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल होगा।
दत्ता ने अखबार को बताया कि सुपर कंप्यूटर विज्ञान तथा इंजीनियरिंग शोध के कई कार्यों में इस्तेमाल होते हैं। यह कई तरह की बीमारियों के शोध में भी काम आ सकता है। दवाओं के विकास में भी यह काम आता है। इस सुपर कंप्यूटर पर 48 करोड़ रुपये का खर्च आया है। यह सबसे शक्तिशाली कंप्यूटरों की सूची (टीओपी 500 रेंकिंग) में 130 वें नंबर पर है।