अपनी पांच सूत्री मांगों के समर्थन में शुक्रवार से राज्य के करीब 70 हजार होमगार्ड हड़ताल पर चले गए हैं। होमगार्डों ने खुद को कानून-व्यवस्था की ड्यूटी से अलग रखने की घोषणा करते हुए अपने हथियारों को शस्त्रागार में जमा कराना शुरू कर दिया है।
वहीँ इस हड़ताल के कारण पूरे राज्य की सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है।
हालांकि गृहरक्षा वाहिनी संगठन ने हड़ताल पर जाने का एलान तीन दिन पहले ही कर दिया था लेकिन सरकार के स्तर पर उनकी मांगों पर विचार करने के आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल 14 मई तक स्थगित करने का एलान किया था। होमगार्डों की मुख्य मांगों में उनके दैनिक भत्ते में बढ़ोतरी, 60 साल की आयु में सेवानिवृति के समय सेवानिवृति लाभ का भुगतान समेत अन्य मांगें शामिल हैं।
उधर, राज्य के 70 हजार होमगार्डों के हड़ताल पर चले जाने के बाद राज्य की विधि-व्यवस्था पर भी इसका असर पड़ रहा है। इनमें करीब 35 हजार होमगार्ड के जवान राज्य के विभिन्न जिलों में विधि-व्यवस्था को बनाए रखने में अपना योगदान कर रहे हैं। जबकि ट्रैफिक से लेकर विभिन्न बैंकों की सुरक्षा में भी उनकी सेवाएं ली जा रही हैं। बिहार गृहरक्षा वाहिनी संघ के अनुसार आगामी 20 मई को उन्होंने राज्यभर में चक्का जाम करने तथा 21 मई से जेल भरो आंदोलन चलाने का एलान कर रखा है।