निर्धारित समय गोलरहित बराबरी पर छूटने के बाद 113वें मिनट में आखिर में वह क्षण आया, जब दुनिया भर के फुटबॉल प्रेमियों को बहु प्रतीक्षित गोल देखने को मिला। यह गोल उस गोएट्जे ने किया जिन्हें विश्व कप में सर्वाधिक 16 गोल करने वाले क्लोस की जगह 87वें मिनट में मैदान में भेजा गया था। गोएट्जे ने आंद्रे शुर्ले के बाएं छोर से दिए गए क्रॉस को अपनी छाती पर रोका और शानदार वॉली से उसे गोल तक पहुंचा दिया, जिससे जर्मनी 24 साल के बाद फिर से विश्व चैम्पियन बनने में सफल रहा।
जर्मनी का एकीकरण के बाद यह पहला खिताब है। इससे पहले पश्चिम जर्मनी ने 1954, 1974 और 1990 में खिताब जीता था। इस तरह से जर्मनी चौथी बार विश्व चैम्पियन बनने में सफल रहा। वहीं 1978 और 1986 के चैम्पियन अर्जेंटीना का तीसरा खिताब जीतने का सपना चकनाचूर हो गया। संयोग से जर्मनी ने इससे पहले अपना आखिरी खिताब भी अर्जेंटीना को हराकर ही जीता था।
निर्धारित समय में दोनों टीमों को गोल करने के अच्छे मौके मिले, लेकिन वे उन्हें नहीं भुना पाई। एक मौके पर ऑफ साइड होने के कारण अर्जेंटीना के गोल को अमान्य करार दिया गया। जर्मनी ने गेंद अधिक कब्जे में रखी, लेकिन अर्जेंटीना ने अच्छे जवाबी हमले किए। पहले हॉफ में अधिक हमले और जवाबी हमले देखने को मिले, लेकिन निर्धारित समय तक कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई।