नई दिल्ली : ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) से दिल्ली से लगे उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 25,000 जमीन मालिकों को झटका लगा है। प्राधिकरण ने जमीन मालिकों से 1,287 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करने को कहा है। भूखंड मालिकों को यह राशि 2013 से सालाना 11 प्रतिशत ब्याज के साथ देने को कहा गया है।
प्राधिकरण ने इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह राशि मांगी है। उच्च न्यायालय ने उन किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने को कहा जिनकी जमीन ली गई है। जीएनआईडीए ने किसानों को 4,500 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए बैंकों से कर्ज लिया था और अब वह यह राशि ग्रेटर नोएडा के 50 सेक्टर में फैले मौजूदा जमीन मालिकों से पिछली तारीख से लेना चाहता है।
जीएनआईडीए ने एक आदेश में कहा कि सभी जमीन मालिकों को 1,287 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से अतिरिक्त भुगतान करने को कहा गया है। भले ही उन्होंने भूखंड कभी भी लिया हो। यह शुल्क एक मई 2013 से 11 प्रतिशत ब्याज के साथ चार समान किस्तों में देनी होगी।
आदेश के अनुसार, ‘शुल्क का भुगतान नहीं करने पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगेगा।’ अतिरिक्त राशि की मांग से 200 वर्ग मीटर भूखंड पर 4 लाख रुपए से अधिक की राशि बनेगी।
भू-खंड मालिकों को 28 सितंबर को दिए गए नोटिस में इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश का जिक्र किया गया है। अदालत के आदेश में किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा देने को कहा गया है। आदेश में अतिरिक्त शुल्क को अतिरिक्त मुआवजा वसूली कहा गया है।
नए शुल्क को लेकर हंगामे के बीच प्राधिकरण ने 5 अक्टूबर को स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि उसने किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिये विभिन्न बैंक / वित्तीय संस्थानों से 4,500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। जीएनआईडीए के आदेश के अनुसार पहली किस्त 31 अक्टूबर तक देनी है।