नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के अगले ही दिन मंत्रियों की पोर्टफोलियो की सूची आ गई, जिसके कयास कई दिनों से लगाए जा रहे थे। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्वास्थ्य कारणों से नई कैबिनेट का हिस्सा बनने से इनकार करने के बाद नए वित्त मंत्री को लेकर लोग अटकलें लगा रहे थे। अमित शाह के केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने की खबरों के बीच शुरू से ही कयासों का बाजार गर्म था कि उन्हें कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा। आख़िर उन्हें गृह मंत्रालय दिया गया जो सरकार का सबसे बड़ा राजनीतिक मंत्रालय होता है।
आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण फैसले देखने को मिल सकते हैं जो देश की राजनीति में बहुत अहमियत रखते हैं। जिसमें जम्मू-कश्मीर के विशेषाधिकार से संबंधित धारा 370 व 35A, आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से अहम चुनौती नक्सलवाद, अवैध घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या, एनआरसी, नागरिकता संशोधन अधिनियम आदि शामिल हैं। ये ऐसे मुद्दे हैं जिसपर काम करने के लिए एक सख्त प्रशासक और राजनीतिक रूप से माहिर खिलाड़ी होना आवश्यक हो जाता है तथा उसे प्रधानमंत्री का पूर्ण विश्वास भी हासिल हो।
अमित शाह इन दोनों ही शर्तों को पूरा करते हैं, गुजरात में गृह मंत्री रहते हुए वे इसका प्रमाण दे चुके हैं। इसके अलावे विदेश मंत्री के तौर पर एस. जयशंकर का चयन मोदी का दूसरा सबसे बेहतरीन फैसला है। वे विदेश सचिव रह चुके हैं और विदेश सचिव रहते हुए उन्होंने चीन के साथ डोकलाम जैसे गंभीर मुद्दे को सुलझाने में बहुत अच्छी भूमिका निभाई थी। सुषमा स्वराज के कैबिनेट में शामिल न होने के निर्णय के बाद उन्हें यह दायित्व देकर भविष्य में वैश्विक पटल पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक विशेषज्ञ व्यक्ति का चयन किया गया है।
आने वाले दिनों में संयुक्त राष्ट्र संघ व अन्य वैश्विक संगठनों में भारत के हितों के पक्ष में तमाम प्रस्ताव पारित होने की उम्मीद बढ़ेगी। न्यूक्लियर आपूर्तिकर्ता समूह यानी एनएसजी में भारत का प्रवेश व संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट व इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में चीन के विस्तारवादी रवैये को ऑस्ट्रेलिया और जापान के सहयोग से नियंत्रित करना आदि बहुत महत्वपूर्ण रहेंगे।
वहीं भारत-अमेरिका संबंधों में ईरान व रूस से रिश्तों के कारण आने वाली चुनौतियों से निपटना भी अहम होगा। राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय दिया गया है क्योंकि गृहमंत्री के तौर पर सुरक्षा का आधा काम तो देख ही रहे थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक ऐसी परफॉ़र्मर हैं जिन्हें जो भी मंत्रालय दे दो वो अपनी मेहनत और प्रतिभा के बदौलत उसे सफल करने में सक्षम हैं।
इस तरह प्रधानमंत्री और चार शीर्ष मंत्रालय बहुत खास होंगे जिन पर आगे आने वाले समय में देशभर की निगाहें टिकी होंगी। इसके अलावा नितिन गडकरी परिवहन मंत्रालय और पीयूष गोयल रेल मंत्री के पद पर फिर से काबिज होंगे। वहीं प्रकाश जावड़ेकर सूचना और प्रसारण मंत्रालय संभालेंगे। स्मृति ईरानी महिला और बाल विकास मंत्रालय देखेंगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पद रमेश चंद्र पोखरियाल ‘निशंक’ संभालेंगे।