“भारत सहित अन्य देशों के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से नेपाल ने अपने देश में लगाया तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय टूरिज्म मार्ट”.
अंतराष्ट्रीय पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिये नेपाल के सुनसरी धरान में दूसरी बार आयोजित महा पर्यटन मेला में इस बार भी बिहार,बंगाल,आसाम,सिक्किम,भूटान आदि क्षेत्रों के ट्रावेलिंग एजेंट,होटल्स रिप्रेजेंटेटिव, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।इस मार्ट को व्यपारिक दृष्टिकोण से विस्तार करने के लिये “ईस्ट टूरिज़म मार्ट” के कोऑर्डिनेटर भाविश कुमार श्रेष्ठ,ने अपने धरान नेपाल और सिक्किम भारत के बीच टूरिस्म को अति सुविधाजनक बनाने के लिए, “ईस्ट टूरिज़म मार्ट” व “सिक्किम ट्रेवल असोसिएशन” दोनों देशों की पर्यटन संस्था के बीच एक व्यपारिक समझौता पर हस्ताक्षर भी किया।
“ईस्ट टूरिज्म मार्ट” ने इस बार भी अपने इवेंट शो में आये सभी आवगन्तुकों को अपने क्षेत्र नेपाल में खासकर उनके अति महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र अंतर्गत कोसी बैराज बांध के किनारे-किनारे जंगल के रास्ते “कोसी टप्पू” क्षेत्र से अवगत करवाया गया जहाँ उन्हें हाथियों के झुंड के साथ जंगली भैंसा जिसे “अरना” भी कहा जाता है, तथा,दूर-दराज विदेशों से आये साईबेरियन पक्षियों के भी दर्शन हुए,जिसको लेकर आवगन्तुकों के बीच विशेष चर्चा का विषय बना रहा। कोसी सीमांचल क्षेत्र नेपाल में पर्यटन को लेकर “नेपाल टूरिस्म बोर्ड”पिछले वर्षों से लगातार पड़ोसी देश भारत सहित भूटान,बांगला देश व अन्य देशों के पर्यटकों को बुलाने के लिए अपने देश के कई स्थानों में नए नए और पर्यटन स्थलों का निर्माण कर लिया है,जो खास कर भारत के बिहार, बंगाल ,सिक्किम सहित भूटान देश से पर्यटकों के लिए काफी सस्ता और रमणीक स्थल हो गया है।
जरा सोचिए कि,जून-जुलाई की चिलचिलाती गर्मी में अगर आप बिहार और बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में त्राहिमाम हो रहें हैं, तो बस एक फोर व्हीलर से ही मात्र 3 तीन घण्टे में,नेपाल के धरान, भेडेंटार ,नमस्ते झरना ,मुलघाट,हिले,शिधुवाँ, बसंतपुर, ईलाम जैसे उन उन रमणीक स्थलों पर पहुंच कर वहाँ की प्राकृतिक ठंडक वादियों का आंनद ले सकतें हैं,जो आप इतने कम खर्चों में कहीं नहीं पा सकते।
इस प्रोग्राम को सफलता पूर्वक तैयार करने में “ईस्ट टूरिज़्म मार्ट” के कॉर्डिनेटर भाविश कुमार श्रेष्ठ के साथ साथ उनके खास सहयोगी तथा इस मार्ट के सदस्य ज्ञानमणि नेपाल,की भी भूमिका अहम रही। पंकज रणजीत,(जॉर्नलिस्ट) & प्रेसिडेंट “इंडो-नेपाल जॉर्नलिस्ट कोआर्डिनेशन कमेटी”।