नई दिल्ली : राबर्ट वाड्रा-DLF लैंड डील से संबंधित अहम दस्तावेज गुम हो गये है। बताया गया है कि जमीन घोटाले में तीन सदस्यीय पैनल बनाने को लेकर जारी की गई ऑफिशल नोटिंग गुम हो गई है। इसी पैनल ने राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट को जमीन घोटाले में क्लीन चिट दी थी और डीएलएफ-स्काईलाइट डील का म्यूटेशन रद्द करने वाले आईएएस अशोक खेमका पर अविश्वास जताया था।
दरअसल, आइएएस ऑफिसर अशोक खेमका द्वारा आरटीआइ के तहत फाइल की गई याचिका में स्टेट पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर डीआर वाधवा ने जवाब दिया और बताया, ‘आदेश में लगे नोट से पेज नंबर 1 और 2 गायब है और यही वजह है कि याचिकाकर्ता को ये पेज उपलब्ध नहीं कराए जा सकते हैं। फैसले से संबंधित सभी महत्वपूर्ण टिप्पणियां उन्हीं दो पेज में थे, जो अभी गायब हैं।
हालाँकि खेमका ने इन गायब पेज की शिकायत हरियाणा के चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर और चीफ सेक्रेट्री से की है। खेमका ने अपनी शिकायत में कहा कि दो पेज में दर्ज टिप्पणी में महत्वपूर्ण सूचनाएं थीं और यह भी था कि कैसे अवैध तरीके से जांच के लिए समिति का गठन किया गया था।
आपको बता दें कि जून 2014 में अशोक खेमका ने जमीन घोटाले से जुड़ी ऑफिशल नोटिंग मांगने के लिए अपील की थी, जिसके बाद सरकार ने एक एफिडेविट राज्य सूचना आयोग (एसआइसी) के समक्ष पेश किया। जमीन सौदा घोटाले के केस में अशोक खेमका के खिलाफ भी चार्जशीट फाइल की गई है। इस मामले में अपने डिफेंस के लिए खेमका ने पहले कार्मिक विभाग से ऑफिशल नोटिंग की मांग की थी, जोकि नहीं मिल पाई। इसके बाद खेमका ने एसआइसी का दरवाजा खटखटाया था।