गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि इसके लिए मुंबई हाईकोर्ट की अनुमति और चारों गवाहों के बयान की प्रति पाकिस्तान को भेजी जा चुकी है। आयोग के भारत दौरे की तारीख अभी तय नहीं है।
छरअसल मुंबई हमले के आरोपियों के खिलाफ पाकिस्तान के न्यायिक आयोग द्वारा भारत में किए गए गवाहों के बयान को रावलपिंडी की स्थानीय अदालत ने खारिज कर दिया था। अदालत का कहना था कि न्यायिक आयोग ने गवाहों से जिरह नहीं थी और एकतरफा बयान को सबूत नहीं माना जा सकता है। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत को दूसरे न्यायिक भेजने और उसे गवाहों से जिरह को अनुमति देने का अनुरोध किया था।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कानून विशेषज्ञों की राय और मुंबई हाईकोर्ट की हरी झंडी के बाद पाकिस्तानी न्यायिक आयोग को गवाहों से जिरह की अनुमति देने का फैसला किया है।