अब भारत की सुरक्षा को और अधिक ध्यान में रखते हुए भारत की मिसाइल रक्षा प्रणाली को बड़ी शक्ति मिलने वाली है, क्योंकि यह दुश्मन द्वारा 5 हजार किलोमीटर की दूरी तक से दागी गई मिसाइलों को ध्वस्त कर देने की क्षमता विकसित कर रही है। इससे चीन जैसे देशों से उत्पन्न किसी भी संभावित खतरे से निपटा जा सकेगा।
DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा (BAMD) कवच कार्यक्रम के तहत यह क्षमता विकसित कर रहा है, जिसका पहला चरण संभवतरू दिल्ली में तैनात होने के लिए तैयार है। DRDO प्रमुख अविनाश चंद्र ने बताया कि बीएमडी कार्यक्रम का पहला चरण पूरा हो चुका है। इसके तहत बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कवच 2,000 km की दूरी तक से आने वाली दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने की शक्ति रखता है।
इसके लिए हालांकि, पर्यावरण मंत्रालय सहित कई स्वीकृतियों की जरूरत होगी। DRDO प्रमुख ने कहा कि संगठन वहां परीक्षण केंद्र स्थापित करने की खातिर पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी लेने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
इसे आगे ले जाते हुए DRDO दूसरे चरण में BAMD की क्षमता बढ़ा रहा है, ताकि 5,000 km तक की दूरी से आने वाली हमलावर मिसाइलों के खतरे से निपटा जा सके। DRDO प्रमुख ने बताया कि कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत इस रक्षा कवच की रडार और इंटरसेप्टर मिसाइलों सहित सभी उपकरण नए होंगे तथा इनका दायरा बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘द्वितीय चरण की मिसाइलें प्रथम चरण की मिसाइलों से बिल्कुल अलग होंगी। इस कार्यक्रम में, आपको अधिक दूरी तय करनी होगी और काफी पहले वार करना होगा।
DRDO प्रमुख अविनाश से यह पूछे जाने पर कि रक्षा कवच के जरिए पहले किस शहर की रक्षा की जाएगी तो उनका कहना था कि इस तरह की तैनाती का पहला विकल्प राजधानी नई दिल्ली होगी, क्योंकि यह देश का दिल है। तैनाती के लिए सरकार आवश्यक दिशा निर्देश देगी, जिसके बाद उपकरणों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि DRDO लंबी दूरी की BAMD जैसी प्रणालियों के परीक्षण के लिए अंडमान में नया मिसाइल परीक्षण केंद्र बनाने की योजना बनाई जा रही है।