रक्षा सूत्रों ने बताया, ‘दोपहर करीब 2:45 बजे आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-3 से आकाश का परीक्षण किया गया। मिसाइल 25 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है और इसमें 60 किलोग्राम आयुध ले जाने की क्षमता है।
सूत्रों के मुताबिक़ मिसाइल ने पायलटरहित विमान (पीटीए) ‘लक्ष्य’ समर्थित वस्तु का निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘परीक्षण के दौरान मिसाइल ने प्रक्षेपण परिसर-2 से कुछ मिनट पहले उड़ान भरने वाले पीटीए के सहयोग से उड़ाई गयी वस्तु को समुद्र से एक निश्चित उंचाई पर भेदा। परिणामों का विश्लेषण किया जा रहा है। सूत्रों ने ने बतया कि अगले कुछ दिन तक और भी परीक्षण होंगे।
‘आकाश’ सतह से आकाश में प्रहार करने वाली मध्यम रेंज की विमान रोधी रक्षा प्रणाली का हिस्सा है जिसमें 30 किलोमीटर की दूरी तक विमानों को निशाना बनाने की क्षमता है। इसमें एक बैटरी है जो एक साथ कई चीजों पर निशाना साध सकती है। लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और हवा से जमीन पर प्रहार करने वाली मिसाइल जैसे लक्ष्यों को निष्प्रभावी करने की क्षमता रखने के चलते रक्षा विशेषज्ञों ने आकाश की तुलना अमेरिका की सतह से हवा में प्रहार करने वाली मिसाइल एमआईएम-104 पैट्रियट से की है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपने समेकित दिशानिर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के तहत ‘आकाश’ का विकास किया। प्रक्षेपास्त्र का वायु सेना के लिए तैयार संस्करण शामिल किया जा चुका है वहीं सेना के लिए तैयार मिसाइल शामिल होने के अंतिम चरण में है। पिछली बार मिसाइल का परीक्षण इसी परीक्षण स्थल से इस साल 24 फरवरी को किया गया था।