बारिश के खलल के बाद जब मुकाबला वनडे से T-20 में तब्दील हो गया तो भारत के जीतने की उम्मीदें बढ़ गई थीं। लेकिन पहले बल्लेबाजी करने के बाद मात्र 129 का स्कोर से ये उम्मीदें धूमिल होने लगी थीं। लेकिन एक बार फिर गेंदबाजों ने जिम्मेदारी उठाई और टीम को चैंपियन बना डाला। रविंद्र जडेजा को मैन ऑफ द मैच और गोल्डन बॉल का अवार्ड भी मिला। वहीं पूरे टूर्नामेंट में शानदार बल्लेबाजी करने वाले शिखर धवन को मैन ऑफ द सीरीज चुना और गोल्डन बैट के अवार्ड से नवाजा गया।
भारतीय टीम ने कोहली (34 गेंद में 43 रन) और जडेजा (25 गेंद में नाबाद 33) के बीच 5ण्3 ओवर में छठे विकेट की 47 रन की साझेदारी से सात विकेट पर 129 रन का स्कोर खड़ा किया। विश्व चैम्पियन भारत ने इसके बाद अश्विन (15 रन पर दो विकेट) और जडेजा (24 रन पर दो विकेट) की बलखाती गेंदों की बदौलत इंग्लैंड को आठ विकेट पर 124 रन के स्कोर पर रोककर मेजबान टीम को पहली बार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट जीतने से वंचित कर दिया।
इयोन मोर्गन (33) और रवि बोपारा (30) ने पांचवें विकेट के लिए 64 रन जोड़कर इंग्लैंड को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया था लेकिन इशांत शर्मा (36 रन पर दो विकेट) ने इन दोनों को लगातार गेंदों पर पवेलियन भेज दिया जो मैच का निर्णायक पल साबित हुआ।
इंडिया टीम की इस जीत के साथ ही महेन्द्र सिंह धोनी तीन वर्ल्ड टाइटल्स जीतने वाले पहले कप्तान बन गए। इससे पहले भारत धोनी की कप्तानी में वर्ष 2007 में टी.20 विश्वकप और वर्ष 2011 में 50 ओवरों का वर्ल्ड कप जीता चुका है। भारत ने दूसरी बार चैंपियंस ट्रोफी को जीत कर वनडे क्रिकेट में बादशाहत अपनी साबित की है। इससे पहले वर्ष 2002 में वह श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता बना था। यह जीत इसलिए भी खास बन गईए क्योंकि यह चैंपियंस ट्रोफी का अंतिम संस्करण है।